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कभी खिलाड़ियों से गुलजार था यह हॉस्टल, अब जुआरियों-शराबियों का लगता है जमघट

करोड़ों की लागत से धनबाद के मैथन डैम में स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण हुआ था. पर अब रख रखाव के अभाव में हॉस्टल खंडहर में तब्दील होता नजर आ रहा है. अब इस हॉस्टल में जुआरियों और शराबियों का अड्डा रहता है.

खंडहर बना स्पोर्ट्स हॉस्टल
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Published : Jun 15, 2019, 3:02 PM IST

धनबाद: कोयलांचल में 34वां राष्ट्रीय खेल के दौरान करोड़ों की लागत से जिले के मैथन डैम में स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण करवाया गया था, जो आज महज रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है. दो गार्ड वर्तमान में रहते हैं, लेकिन 6 महीनों से इन्हें भी वेतन नहीं मिला है और ये हर रात डर के साये में गुजराते हैं.

खंडहर में तब्दील हो रहा स्पोर्ट्स हॉस्टल

2009 में 34वां नेशनल गेम का हुआ था आयोजन
2009 में 34वां नेशनल गेम का आयोजन धनबाद में हुआ था. बोटिंग से संबंधित सभी खेल मैथन डैम में ही हुए थे. राज्यपाल के शंकरनारायणन के हाथों स्पोर्ट्स हॉस्टल का उद्घाटन हुआ था. लगभग 50 से अधिक कमरे खिलाड़ियों के लिए बनाए गए थे. सभी कमरों में अटैच बाथरूम भी है, बिजली की भी काफी अच्छी सुविधा दी गई थी, लेकिन आज कुछ बचा है तो सिर्फ और सिर्फ विराना.

शाम को आती हैं अजीबोगरीब आवाजें
यहां पर सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि शाम होते ही यहां पर जंगली जानवर चले आते हैं. सियार, लकड़बग्घा तक इन सुरक्षाकर्मियों को परेशान करते हैं. रात को अजीब तरह की आवाजें आती हैं, जिससे यह सुरक्षाकर्मी भी परेशान रहते हैं. इस स्पोर्ट्स हॉस्टल में दो मौतें भी हुई हैं, जिसके कारण सुरक्षाकर्मी यहां पर बजरंगबली का झंडा और कुछ फोटो लगाकर रखे हुए हैं. ताकि रात में भूत इन्हें न डराए. सुरक्षा कर्मियों ने खुद कहा कि लोग इसे भूत बंगला कहते हैं.

करोड़ों की एलईडी बर्बाद
खेल के दौरान डैम से ही सटे दो बड़े-बड़े एलईडी लगाए गए थे. जिसमें लोग खेल का मजा ले रहे थे. वह भी रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो चुका है.

हॉस्टल की जगह हॉटल बनेगा
वहीं, जब इस संबंध में जिले के उपायुक्त ए दोड्डे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह काफी पुराना मामला है और मुझे इसकी जानकारी भी है. उस भवन को विकसित कर वहां पर एक होटल बनाने की योजना पर काम चल रहा है. बहुत ही जल्द उसे विकसित किया जाएगा. जिसको लेकर सचिव स्तर पर बातचीत भी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में नक्सलियों का 'खूनी खेल', 18 सालों में 510 जवान और 1778 आमलोग हुए हैं शिकार

करोड़ों रुपए बर्बाद
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि करोड़ों की लागत से सरकार निर्माण तो करा देती है, लेकिन महज रखरखाव के अभाव में करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाते हैं.

धनबाद: कोयलांचल में 34वां राष्ट्रीय खेल के दौरान करोड़ों की लागत से जिले के मैथन डैम में स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण करवाया गया था, जो आज महज रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है. दो गार्ड वर्तमान में रहते हैं, लेकिन 6 महीनों से इन्हें भी वेतन नहीं मिला है और ये हर रात डर के साये में गुजराते हैं.

खंडहर में तब्दील हो रहा स्पोर्ट्स हॉस्टल

2009 में 34वां नेशनल गेम का हुआ था आयोजन
2009 में 34वां नेशनल गेम का आयोजन धनबाद में हुआ था. बोटिंग से संबंधित सभी खेल मैथन डैम में ही हुए थे. राज्यपाल के शंकरनारायणन के हाथों स्पोर्ट्स हॉस्टल का उद्घाटन हुआ था. लगभग 50 से अधिक कमरे खिलाड़ियों के लिए बनाए गए थे. सभी कमरों में अटैच बाथरूम भी है, बिजली की भी काफी अच्छी सुविधा दी गई थी, लेकिन आज कुछ बचा है तो सिर्फ और सिर्फ विराना.

शाम को आती हैं अजीबोगरीब आवाजें
यहां पर सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि शाम होते ही यहां पर जंगली जानवर चले आते हैं. सियार, लकड़बग्घा तक इन सुरक्षाकर्मियों को परेशान करते हैं. रात को अजीब तरह की आवाजें आती हैं, जिससे यह सुरक्षाकर्मी भी परेशान रहते हैं. इस स्पोर्ट्स हॉस्टल में दो मौतें भी हुई हैं, जिसके कारण सुरक्षाकर्मी यहां पर बजरंगबली का झंडा और कुछ फोटो लगाकर रखे हुए हैं. ताकि रात में भूत इन्हें न डराए. सुरक्षा कर्मियों ने खुद कहा कि लोग इसे भूत बंगला कहते हैं.

करोड़ों की एलईडी बर्बाद
खेल के दौरान डैम से ही सटे दो बड़े-बड़े एलईडी लगाए गए थे. जिसमें लोग खेल का मजा ले रहे थे. वह भी रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो चुका है.

हॉस्टल की जगह हॉटल बनेगा
वहीं, जब इस संबंध में जिले के उपायुक्त ए दोड्डे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह काफी पुराना मामला है और मुझे इसकी जानकारी भी है. उस भवन को विकसित कर वहां पर एक होटल बनाने की योजना पर काम चल रहा है. बहुत ही जल्द उसे विकसित किया जाएगा. जिसको लेकर सचिव स्तर पर बातचीत भी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में नक्सलियों का 'खूनी खेल', 18 सालों में 510 जवान और 1778 आमलोग हुए हैं शिकार

करोड़ों रुपए बर्बाद
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि करोड़ों की लागत से सरकार निर्माण तो करा देती है, लेकिन महज रखरखाव के अभाव में करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाते हैं.

Intro:धनबाद: कोयलांचल धनबाद में 34 वां राष्ट्रीय खेल के दौरान करोड़ों की लागत से जिले के मैथन डैम में स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण करवाया गया था जो आज महज रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया है. खिड़की दरवाजे तक चोर चुराकर ले गए हैं. वोट में भी असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी है.दो गार्ड अभी वर्तमान में यहां पर रहते हैं लेकिन 6 महीनों से इन्हें भी वेतन नहीं मिला है.


Body:गौरतलब है कि 2009 में 34 वां नेशनल गेम का आयोजन धनबाद में हुआ था. वोटिंग से संबंधित सभी खेल मैथन डैम में ही हुआ था. महामहिम राज्यपाल के हाथों स्पोर्ट्स हॉस्टल का उद्घाटन हुआ था. लगभग 50 से अधिक कमरे स्पोर्ट्स मैन के रहने के लिए बनाए गए थे.सभी कमरों में अटैच बाथरूम भी है बिजली की भी काफी अच्छी सुविधा दी गई थी लेकिन आज महज रखरखाव के अभाव में करोड़ों की यह भवन खंडहर में तब्दील हो गई है.

चोर चुराकर ले गए खिड़की दरवाजे

इस स्पोर्ट्स हॉस्टल में लगभग 50 से अधिक कमरे हैं. लगभग सभी कमरों के खिड़की दरवाजे चोर चुराकर ले गए हैं बिजली के उपकरण भी नजर नहीं आते. सभी कमरों में अटैच बाथरूम हुआ करती थी लेकिन वह भी देखने लायक है.वर्तमान में दो सुरक्षा गार्ड यहां पर मौजूद हैं जो हमेशा असामाजिक तत्वों से परेशान रहते हैं शाम होते ही यहां पर शराबियों का अड्डा लग जाता है.

शाम को आती है अजीब अजीब आवाजें, लकड़बग्घा भी सुरक्षा गार्डों को करते हैं परेशान

यहां पर सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी ने बतलाया कि शाम होते ही यहां पर जंगली जानवर चले आते हैं. सियार,लकड़बग्घा तक इन सुरक्षाकर्मियों को परेशान करते हैं. रात को अजीब तरह की आवाजें आती है जिससे यह सुरक्षाकर्मी भी परेशान रहते हैं. इस स्पोर्ट्स हॉस्टल में दो मौतें भी हुई है जिसके कारण सुरक्षाकर्मी यहां पर बजरंगबली का झंडा और कुछ फोटो लगाकर रखे हुए हैं. ताकि रात में भूत इन्हें ना डराए. सुरक्षा कर्मियों ने खुद कहा कि लोग इसे भूत बंगला कहते हैं जिस कारण अपनी आत्मा की शांति के लिए बजरंगबली का झंडा इन्हीं लोगों ने लगा रखा है.

छह माह से सुरक्षाकर्मियों को नहीं मिला है वेतन

सुरक्षाकर्मियों ने बतलाया कि उनकी यहां पोस्टिंग होने के पहले ही यहां पर जितना चोरियां हुई है हो चुकी है इनके रहते अब यहां पर चोरी नहीं हो पाती है, अगर चोर परेशान भी करते हैं तो स्थानीय थाने को बुला लिया जाता है और थाने का भी सपोर्ट हमेशा मिलता है. लेकिन इतनी परेशानियों के बावजूद भी इन सुरक्षाकर्मियों को 6 माह से वेतन नहीं मिल पाया है कभी-कभार एक-2 महीने का वेतन दे दिया जाता है.

करोड़ों की एलईडी भी हो गया बर्बाद

खेल के दौरान डैम से ही सटे दो बड़े-बड़े एलईडी लगाए गए थे जिसमें लोग खेल का मजा ले रहे थे.वह भी रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो चुका है ,आखिर सरकार क्यों करोड़ों की लागत से निर्माण कराती हैं और बाद में भूल जाती है यह बहुत ही गंभीर विषय है.

बन सकता है बहुत बड़ा पर्यटक स्थल

मैथन डैम झारखंड के गिने-चुने डेमो में से एक माना जाता है जिसकी स्थापना प्रथम पंचवर्षीय योजना में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों हुई थी. इस डेम को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी आते हैं. ऐसे में अगर इस स्पोर्ट्स हॉस्टल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर दिया जाए तो सरकार को भी अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति होगी.


Conclusion:ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि करोड़ों की लागत से सरकार निर्माण तो करा देती है लेकिन महज रखरखाव के अभाव में करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाते हैं और फिर उसी भवन को दोबारा बनाने के लिए फिर से करोड़ों रुपए की बंदरबांट होगी यह कहां तक जायज है.

वहीं जब इस संबंध में जिले के उपायुक्त ए दोड्डे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह काफी पुराना मामला है और मुझे इसकी जानकारी भी है. उस भवन को विकसित कर वहां पर एक होटल बनाने की योजना पर काम चल रहा है बहुत ही जल्द उसे विकसित किया जाएगा जिसको लेकर सचिव स्तर पर बातचीत भी हो चुकी है.
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