धनबाद: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार के लिए गए निर्णय और जारी गाइडलाइंस का सूबे की जनता ने खुले दिल से स्वागत किया है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर झारखंड की सीमाओं पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं. साथ ही कोरोना जांच के लिए मेडिकल टीम भी लगाई गई है. राज्य में प्रवेश करने के लिए ई-पास अनिवार्य और प्रवेश करते ही कोरोना जांच से गुजरना अनिवार्य किया गया है.
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सरकारी निर्देश जारी होने के बाद चेकपोस्ट तो तैयार हो गए, पुलिस पदाधिकारी, जवान और जांच के लिए मेडिकल टीम भी तैनात कर दी गई. लेकिन स्थानीय प्रशासन चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस पदाधिकारी, जवान, मेडिकल स्टाफ को व्यवस्था देना भूल गए. यह मामला निरसा के बंगाल सीमा पर बने मैथन चेकपोस्ट का है. यहां पुलिस और मेडिकल की टीम दोनों ही तैनात हैं. लेकिन यहां ना तो झारखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच हो रही है और ना ही झारखंड में प्रवेश करने वाले लोगों की कोरोना जांच हो रही है.
चेकपोस्ट का नजारा देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. कोरोना जांच के लिए लगी मेडिकल टीम को बैठने तक की जगह नहीं है. टेंट से चारों ओर पानी गिर रहा है. बारिश के कारण यह अस्थायी चेकपोस्ट पूरी तरह अस्तव्यस्त हो चुका है, जिसके कारण बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जांच नहीं हो पा रही है. बारिश के कारण लोग बिना जांच के ही राज्य में प्रवेश कर रहे हैं. ई-पास की चेकिंग भी प्रभावित है.
चेकपोस्ट पर तैनात दंडाधिकारी मंसूर रहमान और मेडिकल सुपरवाइजर हीरालाल टुडू ने बताया कि चेकपोस्ट पर व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यहां बारिश में भीगते हुए रेनकोट पहन कर काम कर रहे हैं. यहां कोई अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचते हैं.