धनबाद: चासनाला क्षेत्र स्थित मोती नगर की रहने वाली संतोष दास की पुत्री ज्योति और मधु तीरंदाजी (Archery Players Jyoti and Madhu) में देश को गोल्ड दिलाने का सपना लिए पूरे दिन पास के ग्राउंड के कड़ी मेहनत कर रही हैं. लेकिन यह सपना 3 लाख रुपये की धनुष के बिना अधूरा है.
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तीरंदाज ज्योति और मधु जिला स्तरीय (District Level) और राज्य स्तरीय (National Level) प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीत चुकी हैं. साथ ही नेशनल में भी ज्योति और मधु ने सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता है. लेकिन इसके आगे वह नहीं खेल पा रही हैं. क्योंकि ओलंपिक (Olympic) खेलने के लिए दोनों बहनों को जिस धनुष की जरूरत है वह धनुष उनके पास नहीं है. उस धनुष की कीमत लगभग 3 लाख रुपये है और इतनी बड़ी रकम उनके पिता के पास नहीं है. इसके लिए उन्होंने मदद की गुहार लगाई (pleaded for help) है.
ज्योति और मधु के पिता की एक राशन दुकान है, वह भी अच्छी तरह नहीं चलती है. उसी दुकान से वो अपने घर परिवार का भी भरण पोषण करते हैं. इसके बावजूद पिता ने किसी तरह आज अपनी दोनों बेटियों को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है. लेकिन अब इसके आगे वह मदद नहीं कर पा रहे हैं.
ज्योति और मधु की मानें तो धनुष के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन आज तक उन्हें किसी प्रकार की मदद किसी से भी नहीं मिली. अब ज्योति और मधु ने मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों से धनुष के लिए मदद मांगी है. उनका कहना है कि अगर उन्हें धनुष मिल गया तो वो देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर जरूर आएंगी.
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ज्योति और मधु के माता-पिता की मानें तो उन्हें अब ऐसा महसूस हो रहा है कि उनकी बेटियां ओलंपिक नहीं खेल पाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटियों की मदद के लिए कोशिश तो कर रहे हैं मगर उन्हें हार दिख रही है. ज्योति मधु के माता-पिता भी अपनी दोनों बच्चियों के लिए जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर बच्चियों मदद मिले तो वह जरूर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतेंगी.