धनबादः सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक समिति की ओर से झरिया के थाना मोड़ चौक पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मानने के साथ ही प्रतिमा स्थापित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया. लेकिन कार्यक्रम से पहले मौके पर झरिया थाना प्रभारी दलबल के साथ पहुंचे और बिना किसी आदेश के प्रतिमा स्थापित नहीं करने की बात कही और पार्टी नेताओं को रोका.
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इस दौरान वहां मौजूद स्मारक समिति के सदस्य और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष हरि प्रकाश लाटा, हरीश जोशी, शिव केशरी, पिंटू दुबे और दिलीप आडवाणी पर धारा 107 के तहत कार्रवाई की. जिसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक समिति के लोग और भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए, देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया. जिसके बाद झरिया पुलिस के अलावा कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और चौक पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया.
इसके बाद स्मारक समिति और भाजपा के नेताओं ने अपने पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद धनबाद विधायक राज सिन्हा, जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, भाजपा के पूर्व प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्रा सहित कई भाजपा के वरिष्ठ नेता मौके पर पहुंच गए. झरिया थाना में थाना प्रभारी और झरिया सीओ के साथ बैठक भी हुई. जिस पर अधिकारियों ने कहा कि ऊपर का आदेश है कि बिना अनुमति के प्रतिमा स्थापित नहीं कर सकते हैं, उसके सिर्फ जयंती मनाने की अनुमति प्रशासन से मांगी गयी.
इस वार्ता के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर बीजेपी समेत अन्य लोगों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि हम लोग 15-16 साल से झरिया के थाना मोड़ पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाते आ रहे हैं. इस वर्ष प्रतिमा स्थापित करने का कार्यक्रम था लेकिन राज्य सरकार के इशारे पर प्रशासन की ओर से रोक लगा दिया गया, जो अनुचित है. उन्होंने कहा कि भारत के लौह पुरुष प्रथम गृह मंत्री का प्रतिमा स्थापित करने पर रोक लगाना सरकार की नीयत और मानसिकता उजागर होती है.
धनबाद विधायक राज सिन्हा स्थानीय प्रशासन और सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि हम लोग प्रतिमा तो स्थापित करके ही रहेंगे. वर्षों से इसी जगह पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जा रही थी, हमने सोचा की यहां पर प्रतिमा स्थापित की जाए, जिसकी घोषणा पिछले वर्ष ही किया था. लेकिन इस तरह से प्रशासन प्रतिमा स्थापित करने से रोक रही है यह कतई उचित नहीं है. यह निजाम और अंग्रेजी की मिलीजुली सोच को उजागर करती है, नहीं तो भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्थापित करने से नहीं रोका जाता. उन्होंने कहा कि यहां की जनता भी प्रतिमा स्थापित करने के पक्ष में है और वो एक महीने के अंदर इसी जगह पर हम प्रतिमा जरूर स्थापित करेंगे.