धनबादः चासनाला खान दुर्घटना के 46 साल पूरे हो गए. दुर्घटना में जलसमाधि लिए 375 मजदूरों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गयी. इस मौके पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. सेल के ईडी बीके तिवारी समेत कई अधिकारी और झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, धनबाद विधायक राज सिन्हा, भाजपा नेत्री रागिनी सिंह, बीसीकेयू के नेता सुंदर लाल महतो और शहीद के परिजनों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. सभी ने 1 मिनट का मौन रखकर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शोक प्रकट किया.
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मौके पर सेल के इडी ने कहा कि ये खान दुर्घटना बहुत ही दर्दनाक थी. इसे याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि खदान में काम करने वाले मजदूर पूरी सेफ्टी से काम करें, ताकि ऐसी दुर्घटना कभी दोबारा ना घटे. झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि विश्व की यह सबसे बड़ी खान दुर्घटना थी. इस घटना से यह सीख लेने की जरुरत है कि श्रमिकों की सुरक्षा हम किस प्रकार सुनिश्चित कर सकें. बीजेपी नेता रागिनी सिंह ने कहा कि आज के इस काले दिन को भुलाया नहीं जा सकता है. आज के दिन किसी का बेटा और किसी का पति उसके परिवार से हमेशा के लिए अलविदा कह गया, आज उन सभी श्रद्धांजलि दी जा रही है.
इस्को के चासनाला कोयला खदान की दिल दहला देने वाली घटना आज भी यहां के लोगों की आंखों में जिंदा है. इस दुर्घटना में हर घर से किसी ना किसी की मौत हुई थी. उस समय कोलियरी में चारों तरफ सिर्फ सिसकियांं ही सुनाई दे रही थी. 27 दिसंबर 1975 को चासनाला कोलियरी में दिन के 1:30 बज अचानक खदान में विस्फोट हुआ और तेज आवाज के साथ 70 लाख गैलन पानी के सैलाब ने सैकड़ों मजदूरों को अपने आगोश में ले लिया. जिसमें 375 मजदूरों हो गई थी. उस समय राहत और बचाव कार्य के लिए कोई संसाधन मौजूद नहीं थे.
चासनाला खान दुर्घटना ने देश को झकझोर दिया था. घटना के बाद आश्रितों को नियोजन देने की घोषणा की गयी थी. कई लोगों को नियोजन ओर मुआवजा मिला. लेकिन इस घटना में ऐसे श्रमिक थे, जिनके आश्रित नाबालिग थे. घटना के 46 साल बीत जाने के बाद भी कइयों को अभी तक नियोजन और मुआवजा नहीं मिला सका.