देवघर: सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) के साथ सावन मेला (Shravani Mela in Deoghar) समाप्त हो गया है. मेले की समाप्ति के बाद बाबा मंदिर मे स्पर्श पूजा (Sparsh Puja in Baba Mandir) शुरू हो गई है. इसके साथ ही भक्त अब सीधे बाबा भोले का दर्शन और उनको स्पर्श कर पाएंगे. इससे पहले श्रावणी मेला में भीड़ को देखते हुए अर्घा से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई थी. मेला के 30वें दिन पुरोहितों की ओर से बाबा वैद्यनाथ की कांचा जल पूजा के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए स्पर्श पूजा शुरू कर दिया गया.
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कतारबद्ध होकर कांवरियों ने किए जलार्पण: स्पर्श पूजा शुरू होने के बाद सभी कांवरिया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए भगवान भोले का दर्शन किया. अर्घा सिस्टम हटाने के बाद सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से पूरी व्यवस्था की निगरानी की जा रही है. डीसी मंजूनाथ भजंत्री और पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र जाट स्थिति पर नजर रखे दिखे. मंदिर प्रांगण में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे.
एक महीने तक चला मेला: स्पर्श पूजा शुरू होने के साथ ही सावन मेला समाप्त हो गया है. 1माह तक चलने वाले इस मेले में करीब 35 लाख श्रद्धालुओं ने देवघर के बाबा मंदिर मे जलाभिषेक किया. पूरे एक महीने के दौरान प्रशासन की व्यवस्था की बात करें तो श्रद्धालुओं के अनुसार अन्य साल की तुलना मे इस साल वयवस्था बेहतर थी. वही उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने पूजा के सफल संचालन के लिए तहे दिल से देवघर की जनता और मंदिर के तीर्थ पुरोहितों को धन्यवाद कहा.
कई मायनों में खास रहा इस बार का मेला: श्रद्धालुओं के लिए कई मायनों में इस बार का श्रावणी मेला खास रहा. प्रशासन की व्यवस्था पिछले साल के मुकाबले इस बार बेहतर रही. इस बार टेंट सिटी में 600 कांवरियों के एक साथ रूकने की व्यवस्था की गई थी. पचास हजार वर्ग फीट में फैली इस टेंट सिटी में बिजली की व्यवस्था, पंखा, मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था, आइना, 50 शौचालय, स्नानगृह, पेयजल, सुरक्षा और कचरा निस्तारण आदि की व्यवस्था की गयी थी. इसके अलावा टेंट सिटी में वीआईपी रूम की भी व्यवस्था थी. सुरक्षा को लेकर टेंट में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे.
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श्रद्धालुओं के लिए इंद्रवर्षा की व्यवस्था: कांवरियों की सुविधा को देखते हुए दुम्मा बॉर्डर से खिजुरिया तक कांवरिया पथ पर जगह-जगह इंद्र वर्षा के लिए सिस्टम लगाए गए थे. कांवरिया पथ पर कांवरियों को गर्मी से राहत देने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक तय दूरी पर इसकी व्यवस्था की गई थी. दरअसल पैदल यात्रा के दौरान कांवरियों को इंद्र वर्षा के सिस्टम की मदद से आर्टिफिशियल बारिश करा कर राहत देने की कोशिश की गई थी.
महंगाई की मार से बिगड़ा बजट: कांवरियों के लिए इस बार महंगाई परेशानी का कारण बनी रही. सुल्तानगंज से देवघर की यात्रा का औसतन खर्च दो से ढाई हजार रुपये महंगा श्रद्धालुओं को पड़ रहा था. वहीं दुकानदारों ने बताया कि इस वर्ष दुकानें गुलजार तो जरूर हुई लेकिन अभी भी बिजनेस पटरी पर नहीं लौटा. दुकानदारों के मुताबिक मंहगाई के कारण कांवरियों ने इस बार काफी कम खरीदारी की. पहले के सालों की तुलना में इस बार व्यापार आधा हुआ.