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देवघर: सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा मंदिर में बदला-बदला सा नजारा, लोगों से ऑनलाइन दर्शन की अपील

देवघर के बाबा मंदिर में सावन की दूसरी सोमवारी पर पहले जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी, वहीं आज कोरोना के कारण मंदिर परिसर में बिल्कुल सन्नाटा पसरा है. बाबा मंदिर सहित सभी शहर के एंट्री प्वाइंट पर पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है और बाहरियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

no crowd of devotees on second somwari due to corona in Deoghar
बाबा मंदिर
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Published : Jul 13, 2020, 8:23 AM IST

देवघर: आज सावन की दूसरी सोमवारी है. आज के दिन बाबाधाम में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिलती थी. 10 से 12 हजार की संख्या में पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की जाती थी लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार बाबा मंदिर में श्रावणी मेला नहीं लगा है. जिससे आज बाबा मंदिर सहित कांवरिया पथ बिल्कुल वीरान हो गया है.

देखें पूरी खबर

फिलहाल, बाबा मंदिर में सिर्फ सीमित पुरोहित ही बाबा भोले की सुबह-शाम पूजा और श्रृंगार करते हैं. कहा जाता है कि कलियुग में शिव की पूजा अर्चना करने से मुक्ति मिलती है. शिव 108 नामों से जाने जाते हैं. श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवारी को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी. सावन की दूसरी सोमवारी को एरावत हाथी की मंथन से निकला था और आज के दिन बाबा भोले की जल, बेलपत्र और दूध से पूजा-अर्चना की जाती है. इससे लोग स्थिरता के साथ-साथ धन-धान्य से परिपूर्ण होते हैं, क्योंकि हाथी स्थिरता का प्रतीक है. कहते हैं कि जो भी मनुष्य विचलित रहते हैं उनके लिए आज का दिन शिव का है.

ये भी देखें- पायलट के खेमे में 30 से ज्यादा विधायक, उपमुख्यमंत्री को देंगे पूरा समर्थन

बहरहाल, आज सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर बाबा मंदिर सहित शहर के सभी एंट्री प्वाइंट पर पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया है. शहर में कुल 12 चेक पोस्ट बनाया गया है और किसी भी प्रकार के बाहरी प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में आज अहले सुबह से ही देवघर उपायुक्त और एसपी खुद बाबा मंदिर की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं, बाबा भोले की पूजा अर्चना की ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था के साथ ही भक्तों ने घर में ही रहकर बाबा की पूजा-अर्चना करने की अपील की है.

देवघर: आज सावन की दूसरी सोमवारी है. आज के दिन बाबाधाम में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिलती थी. 10 से 12 हजार की संख्या में पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की जाती थी लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार बाबा मंदिर में श्रावणी मेला नहीं लगा है. जिससे आज बाबा मंदिर सहित कांवरिया पथ बिल्कुल वीरान हो गया है.

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फिलहाल, बाबा मंदिर में सिर्फ सीमित पुरोहित ही बाबा भोले की सुबह-शाम पूजा और श्रृंगार करते हैं. कहा जाता है कि कलियुग में शिव की पूजा अर्चना करने से मुक्ति मिलती है. शिव 108 नामों से जाने जाते हैं. श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवारी को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी. सावन की दूसरी सोमवारी को एरावत हाथी की मंथन से निकला था और आज के दिन बाबा भोले की जल, बेलपत्र और दूध से पूजा-अर्चना की जाती है. इससे लोग स्थिरता के साथ-साथ धन-धान्य से परिपूर्ण होते हैं, क्योंकि हाथी स्थिरता का प्रतीक है. कहते हैं कि जो भी मनुष्य विचलित रहते हैं उनके लिए आज का दिन शिव का है.

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बहरहाल, आज सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर बाबा मंदिर सहित शहर के सभी एंट्री प्वाइंट पर पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया है. शहर में कुल 12 चेक पोस्ट बनाया गया है और किसी भी प्रकार के बाहरी प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में आज अहले सुबह से ही देवघर उपायुक्त और एसपी खुद बाबा मंदिर की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं, बाबा भोले की पूजा अर्चना की ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था के साथ ही भक्तों ने घर में ही रहकर बाबा की पूजा-अर्चना करने की अपील की है.

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