देवघर: कोरोना काल के दौरान प्रवासी मजदूर जैसे तैसे अपने घर लौटे थे. सरकारी आंकड़ों के तहत देवघर में भी लगभग 13 हजार की संख्या में मजदूर अलग-अलग राज्यों से वापस अपने घर लौटे थे. घर वापसी करने वाले श्रमिक यह सोच कर आये थे कि अब जो भी हो अपना घर छोड़ काम की तलाश में दूसरे प्रदेश नहीं जाएंगे, लेकिन वास्तविकता से सामना होने के बाद कुछ दिनों में ही उनका यह भ्रम भी टूट गया. देवघर के जसीडीह स्टेशन से सेकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर काम की तलाश में दूसरे प्रदेश का रुख कर रहे हैं. स्थानीय स्तर पर रोजगार के अभाव के कारण मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है.
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हालांकि उप विकास आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल का कहना है कि वापस लौटे मजदूरों के रोजगार की पूरी व्यवस्था जिला प्रशाशन ने की है. इनकी स्किल मैपिंग कर इन्हें रोजगार से जोड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. जिला प्रशासन मनरेगा से ऐसे श्रमिकों को जोड़कर जॉब आन डिमांड देने की कोशिश कर रहा है. जिला में संचालित हो रही लगभग पांच हजार सरकारी योजनाओं में इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की भी बात की जा रही है. इसके साथ ही जिला में एयरपोर्ट निर्माण, एम्स निर्माण कार्य, प्लास्टिक पार्क सहित अन्य बड़ी परियोजनाओं में भी इन्हें रोजगार से जोड़ने का दावा किया जा रहा है. इसके बावजूद मजदूरों के पलायन को नहीं रोका जा सका है.