देवघर: धार्मिक नगरी देवघर का शिवगंगा जो रावण के मुष्टि प्रहार से प्रकट हुआ है. इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है, कहा जाता है कि जितना फल गंगा में स्नान करने से मिलता है उतना ही देवघर के इस शिवगंगा में स्नान करने से फल की प्राप्ति होती है.
इस शिवगंगा को राज्य सरकार द्वारा पूरे तरीके से रंगरोगन और पौधे लगाकर सुसज्जित किया गया है. वहीं अब देवघर बाबा मंदिर को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रसाद योजना से जोड़े जाने के बाद शिवगंगा के जल को स्वच्छ और निर्मल बनने के लिए फिल्टरेशन प्लांट बनाया गया है. तो दूसरी और अब शिवगंगा के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए राजस्थानी मॉडल में पूर्वी पश्चिमी घाट पर गुंबजनुमा शेड बनाने का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. जिसमें श्रद्धालुओं के बैठने सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होगी.
ये भी पढ़ें- देवघर: त्रिकुटी पहाड़ के पास बंदरों ने बर्बाद की सैकड़ों एकड़ फसल, मुआवजे के लिए लगाना पड़ रहा दफ्तरों के चक्कर
इसके साथ ही शिवगंगा के उत्तरी छोर पर खाली जमीन पर सभी 12 ज्योतिर्लिंग बनाया जाएगा. जहां एक साथ श्रद्धालु सभी ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे. इसी बिल्डिंग में प्रशासनिक भवन भी होगा. जहां से सभी तरह की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. इतना ही नहीं शिवगंगा के प्रवेश रास्तों पर दोनों और भव्य तोरण द्वार भी होगा जिसकी रूप रेखा तैयार कर ली गई है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. कुल मिलाकर आने वाले दिनों में शिवगंगा घाट बदला-बदला सा दिखेगा.