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देवघरः बाबा नगरी में कृष्ण जन्माष्टमी पर अनोखी परंपरा, खेली गई दही होली - दही होली

देवघर बाबा मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अनोखा दही कादो उत्सव का आयोजन किया गया. मंदिर में दही चढ़ाने के बाद उसे फिर से एक जगह जमा कर दही होली खेली जाती है.

कृष्ण जन्माष्टमी पर खेली गई दही होली
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Published : Aug 25, 2019, 8:19 AM IST

देवघरः बाबा मंदिर और यहां की परंपरा अन्य मंदिरों से काफी अलग है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर यहां एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. जन्माष्टमी के दूसरे दिन बाबा मंदिर परिसर के 22 मंदिरों में दही-कादो उत्सव मनाया जाता है.

देखें पूरी खबर

मान्यता है कि कृष्ण के जन्मदिवस को लेकर नंद गांव में दही मक्खन की होली खेली गई थी और उत्सव मनाया गया था. बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ दही चढ़ाया जाता है. इसके अलावा बाबा नगरी के 22 मंदिरों में भी देवी देवताओं पर दही चढ़ाया जाता है, फिर सभी को लगा कर दही कादो उत्सव मनाया जाता है.

इससे पहले बाबा पर जलार्पण को रोक पट बंद कर दिया जाता और दही चढ़ाने के बाद फिर पुनः भक्तों के जलार्पण के लिए पट खोला जाता है. बहरहाल, बाबा मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के बाद दही कादो उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. देवघर में काफी वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है. जो काफी अलौकिक और अनोखा है, जो अन्य मंदिरों से भिन्न है.

देवघरः बाबा मंदिर और यहां की परंपरा अन्य मंदिरों से काफी अलग है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर यहां एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. जन्माष्टमी के दूसरे दिन बाबा मंदिर परिसर के 22 मंदिरों में दही-कादो उत्सव मनाया जाता है.

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मान्यता है कि कृष्ण के जन्मदिवस को लेकर नंद गांव में दही मक्खन की होली खेली गई थी और उत्सव मनाया गया था. बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ दही चढ़ाया जाता है. इसके अलावा बाबा नगरी के 22 मंदिरों में भी देवी देवताओं पर दही चढ़ाया जाता है, फिर सभी को लगा कर दही कादो उत्सव मनाया जाता है.

इससे पहले बाबा पर जलार्पण को रोक पट बंद कर दिया जाता और दही चढ़ाने के बाद फिर पुनः भक्तों के जलार्पण के लिए पट खोला जाता है. बहरहाल, बाबा मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के बाद दही कादो उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. देवघर में काफी वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है. जो काफी अलौकिक और अनोखा है, जो अन्य मंदिरों से भिन्न है.

Intro:देवघर बाबा मंदिर में अनोखा दही कादो उत्सव, शरदार पंडा द्वारा बाबा मंदिर के 22 मंदिर में चढ़ा दही।Body:एंकर देवघर बाबा मंदिर ओर यहां की परंपरा अन्य मंदिरों से काफी भिन्न है ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर यहां एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। जानकारों की माने तो कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन बाबा मंदिर स्थित 22 मंदिरो में दही कादो उत्सव मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कृष्ण के जन्म को लेकर नंद गांव में दही मक्खन का होली खेली गई थी और उत्सव के रूप में मनाया गया था जिसको लेकर आज बाबा बैद्यनाथ को शरदार पंडा द्वारा विधिवत ओर पूरी विधि विधान के साथ दही चढ़ाया जाता है फिर 22 मंदिरो में भी सभी देवी देवताओ को चढ़ाया जाता है फिर सभी को लगा कर दही कादो उत्सव मनाया जाता है ।जिसके पूर्व बाबा पर जलार्पण को रोक पट बन्द कर दिया जाता और दही चढ़ाने के बाद फिर पुनः भक्तो के जलार्पण के लिए पट खोला जाता है।Conclusion:बहरहाल,बाबा मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के बाद दही कादो उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है और यह बाबा मंदिर में काफी वर्षो से यह परंपरा मनाई जा रही है जो काफी अलौकिक ओर अनोखा है जो अन्य मंदिरों से भिन्न है।

बाइट दुर्लभ मिश्र,तीर्थ पुरोहित ।
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