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देवघर में लाल खून के काले कारोबार का खुलासा, सौदा बिगाड़ता देख पिटाई करने पर उतारू हो गए दलाल

देवीपुर इलाके की रहने वाली फुलमनी हांसदा नाम की मरीज को देवघर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इस दौरान मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ी. वहीं इसका पता चलते ही दलालों का कुनबा एक्टिव हो गया. मरीज के परिजनों से वो पांच हजार रुपये में ब्लड मिल जाने की बात कहने लगे.

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Published : Mar 15, 2019, 8:19 PM IST

सदर अस्पताल में ब्लड का कारोबार

देवघर: बीमार मरीजों के तीमारदारों को डरा कर मोटी रकम ऐंठने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. आलम यह है कि सिविल सर्जन ने लोहरजगा सदर अस्पताल सहित ब्लड बैंक के तमाम पदाधिकारियों, कर्मचारियों और गार्ड तक पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

सदर अस्पताल में ब्लड का कारोबार

5 हजार की डिमांड
देवीपुर इलाके की रहने वाली फुलमनी हांसदा नाम की मरीज को देवघर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इसी बीच डॉक्टर ने परिजनों से मरीज के लिए एक यूनिट खून का इंतजाम करने को कहा. फिर क्या था, जैसे ही डॉक्टर की डिमांड खून के दलालों के कान तक पहुंची, उनका पूरा कुनबा एक्टिव हो गया.

दलाल हुए फरार
वहीं, दलाल ने एक यूनिट खून देने के एवज पांच हजार रुपये की डिमांड कर डाली. इतना ही नहीं जब इस बात की भनक स्थानीय पत्रकारों को हुई, तब जाकर उस गरीब मरीज को खून उपलब्ध कराई गई. दलालों ने सौदा बिगड़ता देख पीड़ित मरीज की पिटाई करने तक की योजना बना डाली, गनीमत रही की पत्रकारों की मौजूदगी देखकर वह अपने इरादे में कामयाब नहीं हो पाए और मौके से फरार हो गए.

ये भी पढ़ें- निजी न्यूज चैनल में दो सगे भाइयों की हत्या का मामला, गोली चलाने वाला गिरफ्तार, अब भी नहीं खुले हैं कई राज

कर्मियों के बीच हड़कंप
बहरहाल, इस मामले का खुलासा होने के बाद एक तरफ सिविल सर्जन कृष्ण कुमार ने जहां सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. वहीं, ब्लड बैंक के तमाम कर्मियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है.

देवघर: बीमार मरीजों के तीमारदारों को डरा कर मोटी रकम ऐंठने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. आलम यह है कि सिविल सर्जन ने लोहरजगा सदर अस्पताल सहित ब्लड बैंक के तमाम पदाधिकारियों, कर्मचारियों और गार्ड तक पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

सदर अस्पताल में ब्लड का कारोबार

5 हजार की डिमांड
देवीपुर इलाके की रहने वाली फुलमनी हांसदा नाम की मरीज को देवघर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इसी बीच डॉक्टर ने परिजनों से मरीज के लिए एक यूनिट खून का इंतजाम करने को कहा. फिर क्या था, जैसे ही डॉक्टर की डिमांड खून के दलालों के कान तक पहुंची, उनका पूरा कुनबा एक्टिव हो गया.

दलाल हुए फरार
वहीं, दलाल ने एक यूनिट खून देने के एवज पांच हजार रुपये की डिमांड कर डाली. इतना ही नहीं जब इस बात की भनक स्थानीय पत्रकारों को हुई, तब जाकर उस गरीब मरीज को खून उपलब्ध कराई गई. दलालों ने सौदा बिगड़ता देख पीड़ित मरीज की पिटाई करने तक की योजना बना डाली, गनीमत रही की पत्रकारों की मौजूदगी देखकर वह अपने इरादे में कामयाब नहीं हो पाए और मौके से फरार हो गए.

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कर्मियों के बीच हड़कंप
बहरहाल, इस मामले का खुलासा होने के बाद एक तरफ सिविल सर्जन कृष्ण कुमार ने जहां सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. वहीं, ब्लड बैंक के तमाम कर्मियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है.

Intro:देवघर लाल खून के काले कारोबार का खुलासा, बोले सिविल सर्जन- होगी कार्रवाई।




Body:एंकर देवघर बीमार मरीजों के तीमारदारों को भयभीत कर मोटी रकम ऐंठने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। आलम यह है कि, सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल सहित ब्लड बैंक के तमाम पदाधिकारियों, कर्मचारियों और गार्ड तक पर कार्रवाई की बात करते नज़र आ रहे हैं। दरअसल, बीते गुरुवार के रोज देवघर के देवीपुर इलाके के रहने वाले फुलमनी हांसदा नाम की मरीज़ सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती की गई थी इसी बीच, डॉक्टर ने परिजनों से मरीज के लिए एक यूनिट खून का इंतज़ाम करने को कहा, फिर क्या था, जैसे ही डॉक्टर की डिमांड खून के दलालों के कान तक पहुंची उनका पूरा कुनबा एक्टिव हो गया। और फिर जो कुछ भी हुआ वह मानवता की शर्मसार करने के लिए काफी था। यकीनन, अस्पताल में भर्ती पीड़ित मरीज की आर्थिक स्थिति दयनीय थी लेकिन, उन नरपिशासों का कलेजा नहीं पसीज और महज़ एक यूनिट खून देने के एवज़ पांच हाज़र रुपये की डिमांड कर डाली। इतना ही नहीं जब इस बात की भनक स्थानीय पत्रकारों को हुई तब, जाकर उस गरीब मरीज को खून उपलब्ध कराई गई लेकिन, उन बेख़ौफ़ खून के दलालों की हिमाकत तो देखिए, सौदा बिगड़ता देख उनलोगों ने पीड़ित मरीज की पिटाई करने तक की योजना बना डाली, गनीमत यह रही कि, पत्रकारों की मौजूदगी देखकर वह अपने इरादे में कामयाब नहीं हो पाया और मौके से फरार हो गया।


Conclusion:बहरहाल, इस मामले के खुलासा होने के बाद एक तरफ़ सिविल सर्जन कृष्ण कुमार ने जहां सख़्त रुख अख्तियार कर लिया है वहीं, ब्लड बैंक के तमाम कर्मियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

बाइट कृष्ण कुमार सिविल सर्जन देवघर।
बाइट बानेश्वर हासदा मरीज परिजन।
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