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कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर ही एक मात्र विकल्प: WHO

कोरोना महामारी में झारखंड के ग्रामीण भी जागरूकता दिखा रहे हैं. चाईबासा के गांव में लोग सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर हर उस काम कर रहे हैं जो हमे कोरोना वायरस से बचा सकता है.

social distancing and sanitizer are only options
सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजर ही एक मात्र विकल्प
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Published : May 16, 2020, 2:17 PM IST

चाईबासा: कोरोना वायरस का अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनाया जा सका है. इससे बचने और रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर कई जानकारी देते हुए डब्लूएचओ के जोनल को-ऑर्डिनेटर डॉ. अजेक मिंज ने कहा कि कोरोना को मात देने के लिए अब तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

उन्होंने कहा कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है और भारत में इस बीमारी की चपेट में आकर मृत्यु दर की अनुपात 3.29 है. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के उपाय अपने हाथ को साफ करते रहे और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखे. जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाता है तब तक एकमात्र यही विकल्प है और सरकार भी इसे बार-बार लोगों को जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर में मिला 1 और कोरोना पॉजिटिव मरीज, डीसी ने की पुष्टि

भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित व्यक्ति को टेस्ट लेने के 10 दिनों के बाद छुट्टी कर देना है, दूसरा टेस्ट लेने की जरूरत नहीं है. जबकि झारखंड सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि वैसे लोगों का दूसरा टेस्ट भी लिया जाएगा. पश्चिम सिंहभूम ट्राइबल जिला होने के बावजूद भी ग्रामीण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, साथ ही अपने हाथों को साबुन और सैनिटाइजर का भी उपयोग कर साफ करते हैं.

चाईबासा: कोरोना वायरस का अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनाया जा सका है. इससे बचने और रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर कई जानकारी देते हुए डब्लूएचओ के जोनल को-ऑर्डिनेटर डॉ. अजेक मिंज ने कहा कि कोरोना को मात देने के लिए अब तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है.

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उन्होंने कहा कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है और भारत में इस बीमारी की चपेट में आकर मृत्यु दर की अनुपात 3.29 है. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के उपाय अपने हाथ को साफ करते रहे और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखे. जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाता है तब तक एकमात्र यही विकल्प है और सरकार भी इसे बार-बार लोगों को जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है.

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भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित व्यक्ति को टेस्ट लेने के 10 दिनों के बाद छुट्टी कर देना है, दूसरा टेस्ट लेने की जरूरत नहीं है. जबकि झारखंड सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि वैसे लोगों का दूसरा टेस्ट भी लिया जाएगा. पश्चिम सिंहभूम ट्राइबल जिला होने के बावजूद भी ग्रामीण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, साथ ही अपने हाथों को साबुन और सैनिटाइजर का भी उपयोग कर साफ करते हैं.

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