चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस बल की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाई जा रही है. इस अभियान से बौखलाए नक्सलियों ने चक्रधरपुर एसडीपीओ नाथू अंग मीणा के घर के बाहर बैनर लगा दिया है.
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इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने नक्सलियों की ओर से लगाए गए बैनर को जब्त कर लिया है. नक्सलियों ने जहां पोस्टर लगाया, वहां केंद्रीय विद्यालय का बोर्ड लगा हुआ है और उसके ठीक बगल में एसडीपीओ आवास का बोर्ड लगा हुआ है. चक्रधरपुर में नक्सलियों की ओर से बैनर-पोस्टर लगाए जाने के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है.
नक्सलियों की ओर से लगाए गए बैनर और पोस्टर में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह को सफल बनाने की अपील की गई है. शहीद सप्ताह को लेकर भाकपा माओवादी ने पोस्टर और बैनर लगाये हैं. हालांकि, सूचना मिलने के बाद पुलिस बैनर-पोस्टर को जब्त कर छानबीन शुरू कर दी है.
प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन की ओर से चक्रधरपुर और बांझीकुसुम पुल में पोस्टरबाजी की गई है. जिसमें शहीद सप्ताह को सफल बनाने की बातें लिखी गई हैं. मालूम हो कि पिछले कई दिनों से पुलिस विभाग की ओर से माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.
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नक्सली क्यों मनाते हैं शहीद सप्ताह
वर्ष 1972 से नक्सली प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच शहीद सप्ताह मनाते आ रहे हैं. इस वर्ष भी माओवादियों ने शहीद सप्ताह समारोह की घोषणा की है. इस दौरान वे मारे गए कैडरों को याद करते हुए श्रद्धांजलि देते हैं. इसे लेकर माओवादियों ने 16 पेज का नोट जारी किया है. इसके बाद झारखंड पुलिस अलर्ट हो गई है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और बिहार सीमा पर गश्ती बढ़ा दी है.
पश्चिम बंगाल में नक्सल आंदोलन के संस्थापक चारू मजूमदार और सरोज दत्त की पुलिस कार्रवाई में मौत हो गई थी. चारू मजूमदार की 28 जुलाई को मौत हुई थी. वहीं, वर्ष 1971-72 में 28 जुलाई से 13 अगस्त के बीच 150 से अधिक नक्सल कैडरों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद नक्सलियों ने शहीद सप्ताह की शुरुआत की. पूर्व नक्सल नेता सह आजसू नेता सतीश कुमार कहते हैं कि शहीद सप्ताह के दौरान मारे गए कैडरों को याद करते हैं.