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चाईबासा: BJP ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, ST समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की मांग

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के सदस्यों ने चाईबासा जिला के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में अनुसूचित जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा और उनको देय लाभ को सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई है.

उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 20, 2019, 3:25 PM IST

चाईबासा: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. इसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा और उनको देय लाभ को सुनिश्चित किए जाने को लेकर मांग की गई है. इस दौरान पश्चिम सिंहभूम के पूर्व सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, अनुसूचित जनजाति के जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा शामिल रहे.

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इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि झारखंड प्रदेश जनजाति बहुल राज्य है. संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत राज्य के लगभग 118 अनुसूचित क्षेत्र के रूप में शासित है. इन क्षेत्रों में अधिकतर जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं. भारतीय संविधान के स्थानीय कास्तकारी अधिनियम और संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के अधिकारों के संबंध में राज्य सरकार से जिला उपायुक्त ऊपर हैं.


कास्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उपायुक्त को यथा उचित दायित्व प्रदान किया गया है. यह दोनों अधिनियम झारखंड प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के भूमि संरक्षण किए जाने लिए लागू किए गए हैं. इसके बावजूद इस समाज के पास से उनकी जमीन गैर जनजाति दबंगों द्वारा गैर वाजिब तरीके से लिया जा रहा है.

चाईबासा: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. इसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा और उनको देय लाभ को सुनिश्चित किए जाने को लेकर मांग की गई है. इस दौरान पश्चिम सिंहभूम के पूर्व सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, अनुसूचित जनजाति के जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा शामिल रहे.

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इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि झारखंड प्रदेश जनजाति बहुल राज्य है. संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत राज्य के लगभग 118 अनुसूचित क्षेत्र के रूप में शासित है. इन क्षेत्रों में अधिकतर जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं. भारतीय संविधान के स्थानीय कास्तकारी अधिनियम और संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के अधिकारों के संबंध में राज्य सरकार से जिला उपायुक्त ऊपर हैं.


कास्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उपायुक्त को यथा उचित दायित्व प्रदान किया गया है. यह दोनों अधिनियम झारखंड प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के भूमि संरक्षण किए जाने लिए लागू किए गए हैं. इसके बावजूद इस समाज के पास से उनकी जमीन गैर जनजाति दबंगों द्वारा गैर वाजिब तरीके से लिया जा रहा है.

Intro:चाईबासा:- भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के सदस्यों ने अनु. जनजाति समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा एवं उनको देय लाभ को सुनिश्चित किये जाने को लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उनके साथ पश्चिम सिंहभूम पूर्व सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, अनुसूचित जनजाति के जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा आदि उपस्थित रहे।

Body:इस मौके पर लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि झारखंड प्रदेश जनजाति बहुल राज्य है और संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत राज्य के लगभग 118 अनुसूचित क्षेत्र के रूप में शासित है। इन क्षेत्रों में अधिकतर जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं। भारतीय संविधान तथा स्थानीय काश्तकारी अधिनियम संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश के अधिकारों के संबंध में राज्य सरकार के ऊपर तथा जिला उपायुक्त से भी ऊपर है, क्योंकि काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उपायुक्त को यथा उचित दायित्व प्रदान किया गया है। यह दोनों अधिनियम झारखंड प्रदेश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के भूमि के संरक्षण किए जाने हेतु लागू किए गए हैं। इसके बावजूद इस समाज के पास से उनकी जमीन गैर जनजाति दबंगों द्वारा गैर वाजिब तरीके से ले लिया जा रहा है।

बाईट 1- भाजपा अनुसूचित जनजाति जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा,
बाइट 2 - पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवाConclusion:
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