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चाईबासा: डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक, विकास योजनाओं में गति लाने को लेकर हुई चर्चा - जिला उपायुक्त अरवा राजकमल

पश्चिमी सिंहभूम जिला में डीसी की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार कक्ष में बैठक की गई. जिसमें विकास योजनाओं में तेजी लाने और आवश्यक सामूहिक प्रयासों के तहत किए जा रहे कार्यों में आपसी समन्वय स्थापित करने को लेकर चर्चा की गई.

Meeting held in the Collectorate under the chairmanship of DC
डीसी की अध्यक्षता में बैठक
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Published : Jul 31, 2020, 8:46 AM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विकास योजनाओं में तेजी लाने के लिए और आवश्यक सामूहिक प्रयासों के तहत किए जा रहे कार्यों में आपसी समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह निदेशक डीआरडीए एजाज अनवर सहित जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे.

देखें पूरी खबर

इस संबंध में पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि झारखंड सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार जिले में मनरेगा योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. वहीं, क्षेत्र में भ्रमण करने वाले पदाधिकारियों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित कर विकास कार्यों में तीव्रता लाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है.

ये भी पढ़ें-रांची: ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने दिया निर्देश, इच्छुक मजदूरों को सरकारी योजनाओं में दिलाएं रोजगार

बैठक के बाद उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिले में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन हो उसी के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा योजना निर्गत करते हुए जिले के सभी पंचायत से लेकर गांव स्तर तक योजनाओं का क्रियान्वयन पहुंचे और प्रत्येक गांव में एक या दो योजना क्रियान्वित रहे. इससे कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकट काल में अपने गृह जिला वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकेगा.

उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जिले को करीब 11,000 आवास निर्माण का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त हुआ है. इससे संबंधित पंजीयन का कार्य जारी है और चयनित लाभुकों की ओर से बैंक खाता संख्या, फोटो सहित अन्य जानकारी प्रखंड समन्वयक को दी जा रही है. जिले में अब तक लगभग 4,000 लाभुकों का पंजीयन किया गया है और आगामी 3 दिनों में ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को पंजीकृत करने के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को बैठक में निर्देशित किया गया है.

उपायुक्त ने बताया कि जैसा कि जिले में नो बडी लेफ्ट बिहाइंड (NoLB) के श्रेणी में 50,000 शौचालय का निर्माण किया जा रहा है और उससे संबंधित करीब 60% के आसपास की राशि गांव समिति को हस्तांतरित की गयी है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है और शौचालय निर्माण से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए समस्या को निष्पादित करने के लिए निर्देशित किया गया है.

ये भी पढ़ें-शासन-प्रशासन बेखबर, मनरेगा कर्मियों की हड़ताल से मजदूरों पर आफत

उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में लगभग 1,000 ग्राम समिति और स्वयं सहायता समूह की बहनें शौचालय निर्माण से संबंधित कार्य के लिए प्रयासरत हैं. डीसी ने कहा कि उन सभी को आवश्यक सामग्री से लेकर अन्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए ज्यादा से ज्यादा शौचालय का निर्माण करना हम लोगों की प्राथमिकता है.

उपायुक्त ने बताया कि इन तीनों योजनाओं विशेषकर मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अंतिम स्तर पर जो व्यक्ति छूटे हुए हैं वैसे व्यक्तियों को शौचालय उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है. इसी के साथ-साथ क्षेत्र में कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जहां-जहां कंटेनमेंट जोन बना है. उस क्षेत्र की सुरक्षा और उस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति का अवैध रूप से प्रवेश ना हो और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित आवश्यक निर्देश जो स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार की ओर से दिये गये हैं. उसका क्षेत्रों में शत-प्रतिशत अनुपालन करवाने से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विकास योजनाओं में तेजी लाने के लिए और आवश्यक सामूहिक प्रयासों के तहत किए जा रहे कार्यों में आपसी समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह निदेशक डीआरडीए एजाज अनवर सहित जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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इस संबंध में पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि झारखंड सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार जिले में मनरेगा योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है. वहीं, क्षेत्र में भ्रमण करने वाले पदाधिकारियों के साथ आपसी सामंजस्य स्थापित कर विकास कार्यों में तीव्रता लाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है.

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बैठक के बाद उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिले में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन हो उसी के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा योजना निर्गत करते हुए जिले के सभी पंचायत से लेकर गांव स्तर तक योजनाओं का क्रियान्वयन पहुंचे और प्रत्येक गांव में एक या दो योजना क्रियान्वित रहे. इससे कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकट काल में अपने गृह जिला वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकेगा.

उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जिले को करीब 11,000 आवास निर्माण का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त हुआ है. इससे संबंधित पंजीयन का कार्य जारी है और चयनित लाभुकों की ओर से बैंक खाता संख्या, फोटो सहित अन्य जानकारी प्रखंड समन्वयक को दी जा रही है. जिले में अब तक लगभग 4,000 लाभुकों का पंजीयन किया गया है और आगामी 3 दिनों में ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को पंजीकृत करने के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को बैठक में निर्देशित किया गया है.

उपायुक्त ने बताया कि जैसा कि जिले में नो बडी लेफ्ट बिहाइंड (NoLB) के श्रेणी में 50,000 शौचालय का निर्माण किया जा रहा है और उससे संबंधित करीब 60% के आसपास की राशि गांव समिति को हस्तांतरित की गयी है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है और शौचालय निर्माण से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए समस्या को निष्पादित करने के लिए निर्देशित किया गया है.

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उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में लगभग 1,000 ग्राम समिति और स्वयं सहायता समूह की बहनें शौचालय निर्माण से संबंधित कार्य के लिए प्रयासरत हैं. डीसी ने कहा कि उन सभी को आवश्यक सामग्री से लेकर अन्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए ज्यादा से ज्यादा शौचालय का निर्माण करना हम लोगों की प्राथमिकता है.

उपायुक्त ने बताया कि इन तीनों योजनाओं विशेषकर मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अंतिम स्तर पर जो व्यक्ति छूटे हुए हैं वैसे व्यक्तियों को शौचालय उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है. इसी के साथ-साथ क्षेत्र में कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जहां-जहां कंटेनमेंट जोन बना है. उस क्षेत्र की सुरक्षा और उस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति का अवैध रूप से प्रवेश ना हो और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित आवश्यक निर्देश जो स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार की ओर से दिये गये हैं. उसका क्षेत्रों में शत-प्रतिशत अनुपालन करवाने से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है.

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