ETV Bharat / city

'जन शक्ति से जल शक्ति' के निर्माण का लक्ष्य, चाईबासा में एक दिन में बनेंगे 5 हजार सोकपिट

पश्चिम सिंहभूम में जल संरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर काम चल रहा है. जिला प्रशासन जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हर संभव पहल कर रही है. इसी के तहत एक दिन में 5हजार सोकपिट बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अगर ऐसा हो जाता है तो यह एक रिकॉर्ड होगा.

जल शक्ति अभियान की बैठक
author img

By

Published : Jul 5, 2019, 12:00 PM IST

चाईबासा: जिला प्रशासन आगामी 7 जुलाई को 5 हजार सोकपिट का निर्माण करवाने का प्लान बनाया है. जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर ये सोकपिट बनेंगे. राज्य के मुख्य सचिव ने भी पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के द्वारा इस पहल की सराहना की है.

देखे पूरी खबर

जल शक्ति अभियान को लेकर दी गई जानकारी
चाईबासा जल संचयन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल शक्ति कार्यक्रम के तहत एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने जल संचयन के लिए चलाए जा रहे जिले में कई कार्यक्रमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला स्तर से 1800 जल मीनार का निर्माण कराया जा रहा है. इन्हीं जल मीनार के साथ ही व्यर्थ होने वाले पानी के संचयन के लिए सोकपिट निर्माण की भी व्यवस्था की गई है.
आदित्य रंजन ने कहा कि आगामी 7 जुलाई को जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 दिन में पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर 5000 सोकपिट का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी जल्दी ही सोकपिट का निर्माण कराया जायेगा. जिले में संचालित होने वाली योजना की मुख्य सचिव झारखंड सरकार ने भी काफी सराहना की है.
जल संचयन कार्यक्रम को पूरे जिले में एक मुहिम की तरह चलाया जायेगा. सभी सरकारी कार्यालय और भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी प्रक्रिया जल्द ही आरंभ की जायेगी.
उन्होंने कहा कि जन शक्ति से जल शक्ति का निर्माण करना बेहतर विकल्प है. इससे पहले 2 हजार सोकपिट निर्माण का रिकॉर्ड बिहार का रहा है, लेकिन इस बार झारखंड रिकॉर्ड को तोड़कर लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवाएगा.

चाईबासा: जिला प्रशासन आगामी 7 जुलाई को 5 हजार सोकपिट का निर्माण करवाने का प्लान बनाया है. जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर ये सोकपिट बनेंगे. राज्य के मुख्य सचिव ने भी पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के द्वारा इस पहल की सराहना की है.

देखे पूरी खबर

जल शक्ति अभियान को लेकर दी गई जानकारी
चाईबासा जल संचयन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल शक्ति कार्यक्रम के तहत एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने जल संचयन के लिए चलाए जा रहे जिले में कई कार्यक्रमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला स्तर से 1800 जल मीनार का निर्माण कराया जा रहा है. इन्हीं जल मीनार के साथ ही व्यर्थ होने वाले पानी के संचयन के लिए सोकपिट निर्माण की भी व्यवस्था की गई है.
आदित्य रंजन ने कहा कि आगामी 7 जुलाई को जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 दिन में पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर 5000 सोकपिट का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी जल्दी ही सोकपिट का निर्माण कराया जायेगा. जिले में संचालित होने वाली योजना की मुख्य सचिव झारखंड सरकार ने भी काफी सराहना की है.
जल संचयन कार्यक्रम को पूरे जिले में एक मुहिम की तरह चलाया जायेगा. सभी सरकारी कार्यालय और भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी प्रक्रिया जल्द ही आरंभ की जायेगी.
उन्होंने कहा कि जन शक्ति से जल शक्ति का निर्माण करना बेहतर विकल्प है. इससे पहले 2 हजार सोकपिट निर्माण का रिकॉर्ड बिहार का रहा है, लेकिन इस बार झारखंड रिकॉर्ड को तोड़कर लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवाएगा.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 दिन में पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर 5000 सोकपीट का निर्माण कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाएगी। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इससे पहले 2 हजार सोकपिट निर्माण का रिकॉर्ड बिहार का रहा है जिसे इस बार झारखंड इस रेकॉर्ड को तोड़कर लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवाएगी।




Body: जिला प्रशासन आगामी 7 जुलाई को जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर एक ही दिन में सोकपिट का निर्माण करवाने का प्लान बनाया है जिसे लेकर झारखंड के मुख्य सचिव ने भी पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के द्वारा इस पहल की सराहना की है।
पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा शहर स्थित टाटा कॉलेज के बिरसा मेमोरियल हॉल में जिला प्रशासन की ओर से जल संचयन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल सकती कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने जल संचयन के लिए चलाए जा रहे जिले में कई कार्यक्रमों की जानकारी दी उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला स्तर से अट्ठारह सौ जल मीनार का निर्माण करवाया जा रहा है इसी जल मीनार के साथ ही व्यर्थ होने वाले पानी के संचयन के लिए बगल में ही सो क्विट निर्माण की भी व्यवस्था की गई है इसके साथ ही जिले में बड़े तालाब का निर्माण करवाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा पश्चिम सिंहभूम जिले के दौरे के क्रम में तालाब निर्माण का शिलान्यास विधिवत रूप से किया गया था जिला प्रशासन जिला संचयन कार्यक्रम को पूरे जिले में एक मुहिम की तरह चलाएगा सभी सरकारी कार्यालय एवं एवं भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी प्रक्रिया जल्द ही आरंभ की जाएगी।

आदित्य रंजन ने कहा कि आगामी 7 जुलाई को जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 दिन में पूरे जिले में चिन्हित स्थानों पर 5000 सोकपिट का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है इसके साथ ही अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी जल्दी ही अशोक पीठ का निर्माण कराया जाएगा। जिले में संचालित होने वाले इस योजना की मुख्य सचिव झारखंड सरकार ने भी काफी सराहना की है। हम सभी के सार्थक प्रयास से जल्द ही जल संचयन के उद्देश्य से किए गए कार्यों के कारण हमारे जिले का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जन शक्ति से जल शक्ति का निर्माण करना बेहतर विकल्प है। अभी वर्तमान में हम जितने भी जल संचयन के सुझाव करने जाता लेंगे तो हम पाते हैं कि यह सब कार्य सदियों से हमारे पूर्वज करते आए हैं।

इस दौरान कार्यक्रम में पानी फाउंडेशन के द्वारा निर्मित लोगों फिल्म के माध्यम से उपस्थित लोगों को जानकारी विधि गई कि कैसे गांव के सभी व्यक्तियों के श्रमदान कर जल संचय तू कहीं निर्माण किए गए जिस कारण आज गांव पानी के लिए मोहताज नहीं है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.