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चाईबासा में 'दीदी बाड़ी' योजना का शुभारंभ, कुपोषण मुक्त होगा झारखंड - चाईबासा में कुपोषण

कुपोषण मुक्त झारखंड के लक्ष्य की पूरा करने के लिए सरकार दीदी बाड़ी योजना चला रही है. चाईबासा में भी इस योजना की शुरुआत की गई. इस योजना से जिले के 25,000 परिवार लाभान्वित होंगे.

कुपोषण मुक्त होगा चाईबासा
कुपोषण मुक्त होगा चाईबासा
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Published : Oct 14, 2020, 6:38 AM IST

चाईबासा: ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा और जेएसएलपीएस के संयुक्त तत्वाधान में सखी मंडलों के जरिए राज्य के ग्रामीण परिवारों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए संचालित अभियान 'दीदी बाड़ी योजना' का शुभारंभ पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गांव बुरुजोल, सदर चाईबासा प्रखंड में किया गया है. इस अभियान के तहत सखी मंडल की बहनों को जरूरी प्रशिक्षण और बीज उपलब्ध कराकर पोषण वाटिका से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

कुपोषण मुक्त झारखंड के लक्ष्य की पूरा करने के लिए विभाग ने मनरेगा अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की गई है. जिले के 25,000 परिवार इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे. जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शैलेंद्र जारकिया ने बताया कि इस पहल से एक ओर जहां लोगों को मनरेगा के तहत मजदूरी मिल सकेगी, वहीं राज्य से कुपोषण को मिटाने में भी मदद मिलेगा.

शैलेंद्र जारकिया ने बताया कि झारखंड सरकार के ओर से संचालित इस योजना के तहत सखी मंडल की दीदीयां घर के आंगन या आसपास की खेती युक्त जमीन में पोषण युक्त सब्ब्जियां, फलदार पौधारोपण के जरिए अपनी थाली को पोषणयुक्त बना सकते हैं. वहीं बाहर से सब्जी खरीदारी के खर्च को भी बचा पाएंगे और जिले के नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को सही पोषण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योजना को घर-घर तक पहुंचाने की भी तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही इस योजना के साथ-साथ पूर्व से संचालित पोषण अभियान के माध्यम से झारखंड को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने के लिए नवाचार के तौर पर इसे संचालित किया जा रहा है, जिससे समूह की दीदीयां आसपास के कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सेविका और सहिया की मदद से कुपोषण उपचार केंद्र को सूचित कर सकते हैं, ताकि जिले में कुपोषण के नासूर को जड़ से खत्म किया जा सके.

चाईबासा: ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा और जेएसएलपीएस के संयुक्त तत्वाधान में सखी मंडलों के जरिए राज्य के ग्रामीण परिवारों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए संचालित अभियान 'दीदी बाड़ी योजना' का शुभारंभ पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गांव बुरुजोल, सदर चाईबासा प्रखंड में किया गया है. इस अभियान के तहत सखी मंडल की बहनों को जरूरी प्रशिक्षण और बीज उपलब्ध कराकर पोषण वाटिका से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

कुपोषण मुक्त झारखंड के लक्ष्य की पूरा करने के लिए विभाग ने मनरेगा अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की गई है. जिले के 25,000 परिवार इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे. जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शैलेंद्र जारकिया ने बताया कि इस पहल से एक ओर जहां लोगों को मनरेगा के तहत मजदूरी मिल सकेगी, वहीं राज्य से कुपोषण को मिटाने में भी मदद मिलेगा.

शैलेंद्र जारकिया ने बताया कि झारखंड सरकार के ओर से संचालित इस योजना के तहत सखी मंडल की दीदीयां घर के आंगन या आसपास की खेती युक्त जमीन में पोषण युक्त सब्ब्जियां, फलदार पौधारोपण के जरिए अपनी थाली को पोषणयुक्त बना सकते हैं. वहीं बाहर से सब्जी खरीदारी के खर्च को भी बचा पाएंगे और जिले के नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को सही पोषण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योजना को घर-घर तक पहुंचाने की भी तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही इस योजना के साथ-साथ पूर्व से संचालित पोषण अभियान के माध्यम से झारखंड को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने के लिए नवाचार के तौर पर इसे संचालित किया जा रहा है, जिससे समूह की दीदीयां आसपास के कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सेविका और सहिया की मदद से कुपोषण उपचार केंद्र को सूचित कर सकते हैं, ताकि जिले में कुपोषण के नासूर को जड़ से खत्म किया जा सके.

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