चाईबासा: अपनी समस्या को लेकर भी लोग अब मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल को सॉफ्ट कॉर्नर के रूप में ले रहे हैं. 100 दिन के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्विटर के जरिए राज्य के कई समस्याओं का हल करा चुके हैं. अब उस ट्विटर हैंडल का लोग गलत इस्तमाल भी करने लगे हैं. मुख्यमंत्री को किए गए एक झूठे ट्वीट की वजह से शनिवार को जिला प्रशासन काफी परेशान रही.
पुलिस पहुंची गांव
मझगांव प्रखंड के अधिकारी पंचायत के कंका गांव निवासी तिलक नेताम गोंड एक झूठा ट्वीट मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिख दिया कि गांव में कुछ बाहरी लोग आकर थूक रहे हैं और कोरोना वायरस फैला रहे हैं. जिससे गांव में पूरा दहशत फैल चुका है. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया.
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सीएम को गलत ट्वीट
जिसके बाद जगन्नाथपुर एसडीओ स्मृता कुमारी और डीएसपी प्रदीप उरांव दल बल के साथ मझगांव प्रखंड के कंका गांव पहुंचकर मामले की पड़ताल किए तो पता चला कि विवाद स्थानीय स्तर पर लगने वाले डेली हाट और चापाकल से पानी लेने का था. दो परिवार के बीच इस मामले को लेकर आपसी विवाद चल रहा था. जिसमें तीसरे पक्ष ने झूठा ट्वीट मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिख दिया. जिसके बाद जिला प्रशासन तत्काल हरकत में आई और मामला को झूठा पाया. मौके पर मझगांव प्रखंड विकास पदाधिकारी वीरेंद्र किंडो, मझगांव थाना प्रभारी अकील अहमद और मुखिया समेत कई लोग मौजूद थे.
कार्रवाई की चेतावनी
डीएसपी प्रदीप उरांव ने कहा कि शिकायत मिली थी कि मझगांव प्रखंड के कंका गांव में लोग रात में घूम रहे हैं और चापालन में थूक रहे हैं. वहीं जांच करने पर मामला गलत पाया गया. ट्वीट करने वाले युवक को फटकार लगाई गई है और ऐसा दोबारा करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई.
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एसडीओ ने भी की जांच
इस संबंध में जानकारी देते हुए जगन्नाथपुर एसडीओ स्मृता कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को टैग कर एक ट्वीट किया गया था. जिसमें बाहरी लोगों का गांव में आकर थूकने की शिकायत की गई थी. इसके बाद प्रशासन ने जांच की तो मामला झूठ निकला.