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Negligence in Bokaro Sadar Hospital: टॉयलेट में लाखों की जीवन रक्षक दवा बर्बाद...सिविल सर्जन बोले- हमें नहीं पता

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Published : Jan 4, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 1:14 PM IST

बोकारो सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है. जहां एक तरफ अस्पताल में मरीजों को सभी दवा नहीं मिल पा रही है. वहीं अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली लाखों की दवा रखे-रखे एक्सपायर हो गई और उसे टॉयलेट में फेंक दिया गया. इस मामले की जानकारी न ही अस्पताल के अधीक्षक को है और न ही सिविल सर्जन को है.

Medicines waste in Bokaro Sadar Hospital
लाखों की दवा बर्बाद

बोकारो: जिला सदर अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक तरफ जहां अस्पताल में मरीजों को सभी दवा नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण मरीजों के परिजनों को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा है. वहीं लाखों की जीवन रक्षक दवाएं टॉयलेट में बंद कर सड़ा दी गई. मामले की खबर लगते ही ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल की तो कई पेटियां एक्सपायरी दवा फेंकी हुई मिली. बोकारो सदर अस्पताल के वार्ड के बगल में एक टॉयलेट में इन सभी जीवन रक्षक दवाओं को फेंक दिया गया है.

इसे भी पढे़ं: सिमरिया रेफरल अस्पताल में सड़ गई लाखों की दवा, प्रशासन बेखबर

ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले को लेकर सदर अस्पताल बोकारो के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की तो उन्होंने टॉयलेट में एक्सपायरी दवा रखे होने से ही इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है, पूर्व के उपाधीक्षक के कार्यकाल में ऐसा हुआ होगा. हालांकि जब उन्होंने वीडियो देखा तो सिर्फ इतना ही कहा कि यह सभी दवाइयां जीवन रक्षक दवाइयां हैं.

देखें पूरी खबर

शॉर्ट टर्म एक्सपायरी दवा खरीदने से उत्पन्न होती है ऐसी स्थिति


वहीं जब बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र सिंह से इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मुझे आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को मामले की जांच करने का निर्देश दिया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि शॉर्ट टर्म एक्सपायरी की दवा खरीदने और राज्य मुख्यालय से सप्लाई होने में देरी होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है. देखना होगा कि दवाई कब आई थी और एक्सपायर होकर कैसे बर्बाद हो गई.

इसे भी पढे़ं: 50 करोड़ की दवा सड़ा कर बर्बाद होने के मामले पर CM ने लिया संज्ञान, पीई दर्ज करने की दी अनुमति

जांच के बाद होगा मामले का खुलासा


जानकारी के अनुसार दवाइयों की खरीददारी, देखरेख और स्टॉक की पूरी जबाबदेही सदर अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की होती है. जबकि अस्पताल की सारी व्यवस्था को सूचारु रखने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की है. उसके बावजूद बिना उपयोग किए इतनी दवा कैसे बर्बाद हो गई उसकी जानकारी अस्पताल के अधीक्षक नहीं होना कई सवाल खड़े करती है. हालांकि सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है. अब जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि किसकी गलती से लाखों की दवा बर्बाद हो गई.

बोकारो: जिला सदर अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक तरफ जहां अस्पताल में मरीजों को सभी दवा नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण मरीजों के परिजनों को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा है. वहीं लाखों की जीवन रक्षक दवाएं टॉयलेट में बंद कर सड़ा दी गई. मामले की खबर लगते ही ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल की तो कई पेटियां एक्सपायरी दवा फेंकी हुई मिली. बोकारो सदर अस्पताल के वार्ड के बगल में एक टॉयलेट में इन सभी जीवन रक्षक दवाओं को फेंक दिया गया है.

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ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले को लेकर सदर अस्पताल बोकारो के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की तो उन्होंने टॉयलेट में एक्सपायरी दवा रखे होने से ही इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है, पूर्व के उपाधीक्षक के कार्यकाल में ऐसा हुआ होगा. हालांकि जब उन्होंने वीडियो देखा तो सिर्फ इतना ही कहा कि यह सभी दवाइयां जीवन रक्षक दवाइयां हैं.

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शॉर्ट टर्म एक्सपायरी दवा खरीदने से उत्पन्न होती है ऐसी स्थिति


वहीं जब बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र सिंह से इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मुझे आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को मामले की जांच करने का निर्देश दिया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि शॉर्ट टर्म एक्सपायरी की दवा खरीदने और राज्य मुख्यालय से सप्लाई होने में देरी होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है. देखना होगा कि दवाई कब आई थी और एक्सपायर होकर कैसे बर्बाद हो गई.

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जांच के बाद होगा मामले का खुलासा


जानकारी के अनुसार दवाइयों की खरीददारी, देखरेख और स्टॉक की पूरी जबाबदेही सदर अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की होती है. जबकि अस्पताल की सारी व्यवस्था को सूचारु रखने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की है. उसके बावजूद बिना उपयोग किए इतनी दवा कैसे बर्बाद हो गई उसकी जानकारी अस्पताल के अधीक्षक नहीं होना कई सवाल खड़े करती है. हालांकि सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है. अब जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि किसकी गलती से लाखों की दवा बर्बाद हो गई.

Last Updated : Jan 4, 2022, 1:14 PM IST
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