लातेहार: जिले के लिए वर्ष 2024 काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. वर्ष 2024 में लातेहार में नक्सलियों का पतन हुआ. 20 से अधिक नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई. वहीं 5 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किए. माओवादी नक्सली छोटू खरवार की हत्या के बाद माओवादी संगठन अंतिम स्टेज में पहुंच गया. लेकिन 2024 में अपराधियों का उत्पात लगातार होता रहा. वहीं एक वर्ष के अंतराल में लातेहार जिले में तीन उपायुक्त बदले जाने से जिले का विकास भी प्रभावित हुआ.
दरअसल, वर्ष 2024 लातेहार जिले के लिए कई मामलों में खास रहा. वर्ष 2024 की शुरुआत लातेहार के लिए खास उपलब्धियों से भर हुआ रही. जिले के अति नक्सल प्रभावित बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पहली बार लोगों ने गणतंत्र दिवस मनाया. तत्कालीन एसपी अंजनी अंजन के प्रयास से बूढ़ा पहाड़ का इलाका पूरी तरह नक्सली मुक्त हुआ और यहां गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार झंडोतोलन भी हुआ. पहली बार गणतंत्र दिवस मना कर बूढ़ा पहाड़ के आसपास रहने वाले लोगों ने लोकतंत्र के सही मतलब को भी जाना.
शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा और विधानसभा चुनाव संपन्न
लातेहार जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि यह भी रही कि इस वर्ष जिले में लोकसभा और विधानसभा चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में जहां कभी मतदान की कल्पना भी नहीं की जाती थी, उस इलाके में भी लोगों ने जमकर मतदान किया. लोकतंत्र के महापर्व में जिस प्रकार बूढ़ा पहाड़ के इलाके में रहने वाले लोगों ने अपने हिस्सेदारी निभाई, उससे लातेहार जिले के माथे पर लगा कलंक काफी हद तक मिट गया.
कई नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण तो कई की हुई गिरफ्तारी
वर्ष 2024 नक्सलियों के पतन का साल रहा. लातेहार जिले में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा की जा रही लगातार कार्रवाई का असर भी साफ-साफ दिखा. फरवरी माह में माओवादी नक्सली लालदीप ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. वह 10 लाख रुपए का इनामी नक्सली था. लालदीप आत्मसमर्पण से माओवादियों को बड़ा झटका लगा.
इसके तुरंत बाद फरवरी माह में ही जेजेएमपी के जोनल कमांडर मनोहर परहिया और दीपक भुईयां ने भी पुलिस का समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. मनोहर 10 लाख रुपए का इनामी नक्सली था. इसके अलावे भाकपा माओवादी संगठन के जोनल कमांडर नीरज सिंह खरवार और सालमन गंझु ने भी पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया.
लातेहार में इस वर्ष 20 से अधिक नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई. माओवादी नक्सली कमांडर नागेश्वर भोक्ता उर्फ नेशनल गंझु इसी वर्ष जून में गिरफ्तार हुआ. इस नक्सली पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था. इसे गारू थाना क्षेत्र के मिर्चाइया जंगल से गिरफ्तार किया गया है. जून में ही टीएसपीसी नक्सली संगठन के 7 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया.
जुलाई माह में जेजेएमपी नक्सली संगठन के 6 नक्सलियों को पकड़ा गया. सितंबर में पीएलएफआई के तीन नक्सली को गिरफ्तार किया गया. वहीं अक्टूबर में शिवराज सिंह को गिरफ्तार कर लिया. नक्सली शिवराज 5 लाख रुपए का इनामी था. नवंबर में हेरहंज से दो नक्सली गिरफ्तार हुए.
अपराधियों का रहा तांडव
वर्ष 2024 में नक्सलियों का पतन तो हुआ, पर अपराधियों ने यहां अपना पांव पसारना आरंभ कर दिया. पूरे साल अपराधियों के द्वारा हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया. अपराधियों के टारगेट में कोयला व्यवसाय रहा. नवंबर माह में अपराधियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया. हालांकि पुलिस के द्वारा कई अपराधियों की गिरफ्तारी भी की गई, पर अपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पाया.
पानी में डूबकर मौत की घटना लगातार हुई
जिले में इस वर्ष पानी में डूब कर मौत की घटना भी लगातार हुई. अगस्त में बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत बिशनपुर गांव स्थित बलबल नदी में दो महिला समेत तीन लोगों की मौत डूबने से हुई थी. उसके कुछ दिन बाद ही बालूमाथ थाना क्षेत्र में नदी में नहाने के दौरान दो युवक डूब गए थे. इसके अलावे एक गड्ढे में डूब कर दो बच्चों की मौत हुई थी. दिसंबर में तालाब में डूबने से 2 बच्चों की मौत हेरहंज में हो गयी. इसके अतिरिक्त कई कुछ अन्य लोगों की मौत डूबने से हुई है.
अधिकारियों के तबादले के कारण प्रभावित हुआ विकास
जिले में वर्ष 2024 तबादले के वर्ष साबित हुआ. इस वर्ष सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला हो गया. हद तो यह हो गई कि 2024 में तीन-तीन डीसी बदले गए. इससे विकास कार्य प्रभावित हुआ है. हालांकि 2024 भले ही लातेहार के लिए उतार चढ़ाव भरा रहा. पर उम्मीद की जा रही है कि आने वाला वर्ष 2025 लातेहार में खुशहाली ले कर आएगा.
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