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बोकारो: विधानसभा चुनाव को लेकर जेवीएम ने कसी कमर, निकाली तिरंगा सह अधिकार यात्रा

आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जेवीएम ने तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकाली. अमीर हो या गरीब 'समान शिक्षा' से बदलेगी भारत की तस्वीर, यह इस यात्रा की थीम रही.

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Published : Aug 14, 2019, 11:06 AM IST

जेवीएम ने निकाली तिरंगा सह अधिकार यात्रा

बोकारो: आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. पार्टी के नेता जनता से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाकर, उन्हें हक दिलाने की बात कर रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड विकास मोर्चा के नेता डॉ प्रकाश सिंह ने तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकाली. अमीर हो या गरीब 'समान शिक्षा' से बदलेगी भारत की तस्वीर, यह इस यात्रा की थीम रही.

वीडियो में देखें पूरी खबर

जेवीएम के नेता डॉ प्रकाश सिंह ने चास में तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकालते हुए लोगों से कहा कि बोकारो में छोटे-बड़े मिलाकर हजार से ऊपर कारखाने जनता के विकास के लिए लगे हैं. इनका हर साल मुनाफा हजारों करोड़ रुपये है. सवाल है कि संसाधनों के बावजूद लगातार युवाओं का पलायन बढ़ रहा है. लाखों नौजवान इंजीनियरिंग, आईटीआई, बी.एड आदि डिग्रियां लेकर रोड पर ठोकरे खा रहे हैं. ग्रामीणों को मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है.

पूरा जिला बिजली और पानी की समस्याओं से जूझ रहा है. शिक्षा के नाम पर शहर में एक भी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है. यहां तक कि शहर के सारे स्कूल बंद पड़े हैं. गांव में शिक्षा के नाम पर बच्चों को केवल खिचड़ी खिलाई जा रही है. शिक्षा एक व्यापार बन चुका है. विधायक पानी बेचने में और अधिकारी नाजायज पैसों की उगाही में लिप्त है. सरकार योजना की जगह गरीबों को झुनझुना देकर वोट की राजनीति कर रही है. यह सारी बातें लोग तब समझेंगे जब उन्हें गुणात्मक शिक्षा मिलेगी.

बोकारो: आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. पार्टी के नेता जनता से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाकर, उन्हें हक दिलाने की बात कर रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड विकास मोर्चा के नेता डॉ प्रकाश सिंह ने तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकाली. अमीर हो या गरीब 'समान शिक्षा' से बदलेगी भारत की तस्वीर, यह इस यात्रा की थीम रही.

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जेवीएम के नेता डॉ प्रकाश सिंह ने चास में तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकालते हुए लोगों से कहा कि बोकारो में छोटे-बड़े मिलाकर हजार से ऊपर कारखाने जनता के विकास के लिए लगे हैं. इनका हर साल मुनाफा हजारों करोड़ रुपये है. सवाल है कि संसाधनों के बावजूद लगातार युवाओं का पलायन बढ़ रहा है. लाखों नौजवान इंजीनियरिंग, आईटीआई, बी.एड आदि डिग्रियां लेकर रोड पर ठोकरे खा रहे हैं. ग्रामीणों को मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है.

पूरा जिला बिजली और पानी की समस्याओं से जूझ रहा है. शिक्षा के नाम पर शहर में एक भी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है. यहां तक कि शहर के सारे स्कूल बंद पड़े हैं. गांव में शिक्षा के नाम पर बच्चों को केवल खिचड़ी खिलाई जा रही है. शिक्षा एक व्यापार बन चुका है. विधायक पानी बेचने में और अधिकारी नाजायज पैसों की उगाही में लिप्त है. सरकार योजना की जगह गरीबों को झुनझुना देकर वोट की राजनीति कर रही है. यह सारी बातें लोग तब समझेंगे जब उन्हें गुणात्मक शिक्षा मिलेगी.

Intro:झारखंड विधानसभा चुनाव के तारीख भले ही अभी घोषित नहीं हुए हो। आचार संहिता अभी लागू नहीं हुआ हो लेकिन राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। और चुनावी तैयारियां जोर शोर से शुरू कर दी है। नेता सक्रिय हो गए हैं। और जनता से जुड़े मुद्दे लगातार उठा रहे हैं। और उन्हें उनके हक दिलाने की बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में झारखंड विकास मोर्चा के नेता डॉ प्रकाश सिंह ने तिरंगा सह अधिकार यात्रा निकाला। ।अमीर हो या गरीब "समान शिक्षा" से बदलेगा भारत की तस्वीर यह इस यात्रा की थीम थी

Body:झारखंड विकास मोर्चा के नेता डॉ प्रकाश सिंह द्वारा तिरंगा सह अधिकार यात्रा चास में निकालते हुए लोगों से कहा कि आजादी के 73वे वर्ष लोकतंत्र और संविधान के रक्षक हमारे विधायक-सांसद ने शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार,कृषि, पानी,बिजली,पलायन, विस्थापन,नगरीकरण जैसे क्षेत्रों में हमारे बेटों और बेटियों के लिए उनके नीतियों को समझने की जरूरत है। बोकारो जिले में छोटे-बड़े मिलाकर हजार से ऊपर कारखाने जनता के विकास के लिए लगे।इनका मुनाफा प्रतिवर्ष हजारों करोड़ हैं।सवाल है कि संसाधनो के बावजूद लगातार युवाओं के पलायन इजाफा हुआ है,लाखों नौजवान इंजीनियरिंग,आईटीआई,B.Ed, आदि डिग्रियां लेकर रोड पर ठोकरे खा रहे हैं।ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है, संपूर्ण जिला बिजली और पानी की समस्याओं से जूझ रहा है। शिक्षा के नाम पर शहर में एक भी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है,यहां तक कि सेल के सारे स्कूल बंद पड़े हैं।गांव में शिक्षा के नाम पर बच्चों को केवल खिचड़ी खिलाई जा रही है,शिक्षा व्यापार बन चुका है,विधायक पानी बेचने में और अधिकारी नाजायज पैसों की उगाही में लिप्त है।Conclusion:सरकार योजना के जगह गरीबों को झुनझुना देकर वोट की राजनीति कर रही है यह सारी बातें लोग तब समझेंगे जब उन्हें गुणात्मक शिक्षा प्राप्त होगे परंतु रघुवर सरकार की ऐसी मंशा अभी दिख नहीं रही। रामलाल सोरेन,सुधीर जायसवाल, नजमुल होदा, फिरोज अंसारी,राहुल यादव,दिलीप बाउरी,आदि थे।
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