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विधायक JP पटेल के बगावत से गरमायी गिरिडीह की राजनीति, जेएमएम-आजसू में जुबानी जंग तेज

जेएमएम विधायक जेपी पटेल के बागी होने के बाद गिरिडीह लोकसभा सीट अब नाक की लड़ाई बन गई है. दोनों तरफ से शह और मात का खेल जारी है. हर कोई जीत के लिये चाक-चौबंद नजर आ रहा है. ऐसे में जेएमएम और आजसू के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

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Published : Apr 22, 2019, 11:07 AM IST


बोकारो: मौसम की तपिश के साथ इन दिनों झारखंड का राजनीतिक पारा चढ़ता ही जा रहा है. जेएमएम विधायक जय प्रकाश भाई पटेल के बीजेपी के समर्थन के बयान के बाद मानो भूचाल सा आ गया है. इस बयान के बाद से जेएमएम और आजसू के बीच तनातनी बढ़ गई है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, जयप्रकाश भाई पटेल को आस थी कि उन्हें पार्टी गिरिडीह से लोकसभा का टिकट देगी. उन्होंने अपनी इस भावना से आलाकमान को अवगत भी करा दिया था. लेकिन जगरनाथ महतो के नाम की घोषणा हुई. इसके बाद 19 अप्रैल को उनका बयान सामने आया. जिसके बाद से अब तक इस पर चर्चा जारी है कि आखिर जेपी पटेल ने जेएमएम के खिलाफ बगावती तेवर क्यों अपनाया.

उनके इस बयान के बाद से जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है. जयप्रकाश पटेल के ससुर और पूर्व मंत्री मथुरा महतो ने इसे आत्मघाती कदम बताया है. लेकिन लगे हाथ ससुर जी ने इसे जय प्रकाश पटेल का निजी फैसला भी बता दिया. तो वहीं, गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी जगरनाथ महतो का कहना है कि जयप्रकाश भाई पटेल ने टेकलाल महतो का नाम बेचा है.

इधर, पटेल प्रकरण के जवाब पर पलटवार करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसे स्वाभिमान की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि पटेल ने एनडीए पर आस्था जताया है और एनडीए के समर्थन में आने की बात कही है, वो उनके विचारों का सम्मान करते हैं. साथ ही जेएमएम पर प्रहार करते हुए कहा कि पूरा राज्य और देश 1993 के कांड को भुला नहीं है.


बोकारो: मौसम की तपिश के साथ इन दिनों झारखंड का राजनीतिक पारा चढ़ता ही जा रहा है. जेएमएम विधायक जय प्रकाश भाई पटेल के बीजेपी के समर्थन के बयान के बाद मानो भूचाल सा आ गया है. इस बयान के बाद से जेएमएम और आजसू के बीच तनातनी बढ़ गई है.

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दरअसल, जयप्रकाश भाई पटेल को आस थी कि उन्हें पार्टी गिरिडीह से लोकसभा का टिकट देगी. उन्होंने अपनी इस भावना से आलाकमान को अवगत भी करा दिया था. लेकिन जगरनाथ महतो के नाम की घोषणा हुई. इसके बाद 19 अप्रैल को उनका बयान सामने आया. जिसके बाद से अब तक इस पर चर्चा जारी है कि आखिर जेपी पटेल ने जेएमएम के खिलाफ बगावती तेवर क्यों अपनाया.

उनके इस बयान के बाद से जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है. जयप्रकाश पटेल के ससुर और पूर्व मंत्री मथुरा महतो ने इसे आत्मघाती कदम बताया है. लेकिन लगे हाथ ससुर जी ने इसे जय प्रकाश पटेल का निजी फैसला भी बता दिया. तो वहीं, गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी जगरनाथ महतो का कहना है कि जयप्रकाश भाई पटेल ने टेकलाल महतो का नाम बेचा है.

इधर, पटेल प्रकरण के जवाब पर पलटवार करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसे स्वाभिमान की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि पटेल ने एनडीए पर आस्था जताया है और एनडीए के समर्थन में आने की बात कही है, वो उनके विचारों का सम्मान करते हैं. साथ ही जेएमएम पर प्रहार करते हुए कहा कि पूरा राज्य और देश 1993 के कांड को भुला नहीं है.

Intro:ये बागी हैं कि मानते नहीं। पहले एनडीए के बागी रविंद्र पांडे ने nda कुनबे का खेल बिगाड़ने की पूरी कोशिश की। लेकिन जब अमित शाह से मिले तो शाह ने पता नहीं ऐसी क्या घुट्टी पिलाई। कि अब रविंद्र पांडे बदले बदले नजर आ रहे हैं। अबकी बार फिर मोदी सरकार का नारा लगा रहे हैं। अब इधर बगावत हुआ है। जेएमएम के द्वार। बागी है मांडू के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल। जिसके बाद जयप्रकाश भाई पटेल को लेकर आजसू और जेएमएम में जुबानी जंग तेज हो गया है। आजसू इसे स्वाभिमान की राजनीति बता रहा है। तो जेएमएम इसे मौकापरस्ती का। jmm इसे पटेल के लिए आत्मघाती कदम भी बता रही है। बता गिरिडीह लोकसभा के नामांकन से लेकर चुनावी सभा तक जयप्रकाश भाई पटेल की कमी जेएमएम को हर मोर्चे पर साफ साफ दिखी। गिरिडीह लोकसभा मैं महा गठबंधन के प्रत्याशी जगन्नाथ महतो की नॉमिनेशन में पार्टी के बड़े बड़े चेहरे तो नजर आए। लेकिन जेएमएम का ही सिपाही जय प्रकाश पटेल मंच से गायब था। हालांकि उनके ससुर और जेएमएम कोटे से पूर्व मंत्री रहे मथुरा महतो वहां मौजूद थे। मांडू विधायक जेपी पटेल पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे थे। नाराजगी की वजह गिरिडीह से उन्हें टिकट नहीं मिलना था। जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिया। उनके बागी होने से झारखंड का राजनीतिक पारा गरम हो गया है।अब कोई कुनबे को संभालने में जुटा है। तो कोई स्वागत के लिए माला लेकर तैयार। ऐसे में अब जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है। जयप्रकाश पटेल के ससुर और पूर्व मंत्री मथुरा महतो ने इसे आत्मघाती कदम बताया है। लेकिन लगे हाथ ससुर जी ने इसे जय प्रकाश पटेल का निजी फैसला भी बता दिया। तो वहीँ गिरिडीह लोकसभा के प्रत्याशी जगरनाथ महतो की माने तो जयप्रकाश भाई पटेल ने टेकलाल महतो के नाम को बेचने का काम किया है। पटेल के बागी होने के बाद गिरिडीह लोकसभा सीट अब नाक की लड़ाई और साख की लड़ाई बन गया है। दोनों तरफ से शह मात का खेल जारी है। हर कोई जीत के लिये चाक चौबंद है। ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। पटेल प्रकरण के जवाब पर पलटवार करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसे स्वाभिमान की लड़ाई बताया है। उन्होंने कहा कि पटेल ने एनडीए पर आस्था जताया है और एनडीए के समर्थन में आने की बात कही है। वो उनके विचारों का सम्मान करते हैं। इसलिए उनसे मिले साथ ही सुदेश महतो ने jmm पर प्रहार करते हुए कहा कि पूरा राज्य और देश 1993 के कांड को भुला नहीं है। राजनीति में उससे काला दिन कोई नहीं होगा। पटेल के वजह से बढ़ाराजनीतिक पारा और बढ़ सकता है। 22 तारीख को। खबर है कि जय प्रकाश पटेल बोकारो के जैनामोड़ में चंद्र प्रकाश चौधरी के नॉमिनेशन के बाद होने वाले सभा में सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास की मौजूदगी में खुलेआम बगावत का एलान कर सकते हैं। बोकारो से आलोक रंजन सिंह की रिपोर्ट


Body:मथुरा महतो, JMM नेता और जेपी पटेल के ससुर


Conclusion:जगन्नाथ महतो महागठबंधन प्रत्याशी
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