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बिना मास्क पहने इलाज कर रहे डॉक्टर का हैरान करने वाला जवाब, कहा- मैं तो खुद ही मरा हुआ हूं

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Published : Dec 31, 2021, 7:58 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 8:19 PM IST

एक तरफ जहां झारखंड में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं आम लोगों के साथ मरीजों की जांच करने वाले डॉक्टर की मास्क नहीं लगाने की लापरवाही सामने आई है. यही नहीं जब उनसे जब मास्क नहीं पहनने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बेहद ही हास्यास्पद जवाब दिया. उनका कहना है कि वे खुद ही मरे हुए हैं. जहां सोचिए अगर किसी तरह वे मरीज के इलाज दौरान कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं तो वे सैकड़ों मरीजों में कोरोना संक्रमण फैला सकते हैं.

Doctors in Bokaro sadar Hospital
Doctors in Bokaro sadar Hospital

बोकारो: झारखंड में कोरोना एक बार फिर से लोगों को डरना लगा है. बोकारो में कोरोना की बात करें तो यहां पिछले 24 घंटें में 30 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं. ऐसे में कई लोगों को मानना है कि झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. लेकिन इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं. हैरानी की बात तो ये है कि डॉक्टर भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ डॉक्टर तो इतने बेपरवाह हैं कि मास्क नहीं लगाने के ऊलजलूल बहाने बना रहे हैं.

बोकारो में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं और कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. बोकारो सदर अस्पताल में डॉक्टर से लेकर आम कर्मी तक कोरोना के खतरे से बेखौफ है. एक तरफ जहां इलाज कराने पहुंचे मरीज मास्क नहीं लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ डॉक्टर भी बिना मास्क के ही मरीजों की जांच कर रहे हैं. ऐसे में अगर एक भी डॉक्टर कोरोना के संक्रमित होता है तो वह सैकड़ों मरीजों को संक्रमित कर सकता है. कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट डेल्टा से कई गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है और अगर डॉक्टर इस तरह की गलती करते हैं को फिर कोरोना की तीसरी लहर सुनामी में बदल सकती है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: बड़े होटलों ने कैंसल किया न्यू ईयर 2022 सेलिब्रेशन पार्टी, झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर की आहट से सहमे लोग

बोकारो सदर अस्पताल में बिना मास्क के मरीज इलाज कराने आ रहे मरीजों से जब कोरोना के खतरे पर सवाल पूछा गया तो वे अपनी गलती स्वीकार करते नजर आए. लेकिन अस्पताल में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉक्टर केके दास का जवाब कुछ हैरान करने वाला था. उनका कहना था कि वह खुद मरे हुए हैं उनकी दोनों किडनी खराब है. ऐसे में मास्क लगाकर इलाज नहीं कर पाते, सांस लेने में दिक्कत होती है. जब इस मुद्दे पर बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की गई तो वे भी मास्क पहनने की सवाल पर हंसते हुए नजर आए. उनका कहना था सभी लोग मास्क पहने हुए हैं.

एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक है और दूसरी तरफ डॉक्टरों का हास्यास्पद जवाब, अगर झारखंड में इस तरह के डॉक्टर रहेंगे तो कोरोना की सुनामी को कोई भी नहीं रोक सकता. बोकारो में कोरोना कितनी तेजी से पैर पसार रहा है उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 5 महीने में बोकारो जिले में 109 पॉजिटिव केस मिले थे. लेकिन दिसंबर के 30 दिनों में ही अभी तक 198 संक्रमित मरीज मिले हैं. जबकि पिछले 24 घंटे में 46 नए पॉजिटिव मामले बोकारो जिले में सामने आए है.

बोकारो: झारखंड में कोरोना एक बार फिर से लोगों को डरना लगा है. बोकारो में कोरोना की बात करें तो यहां पिछले 24 घंटें में 30 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं. ऐसे में कई लोगों को मानना है कि झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. लेकिन इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं. हैरानी की बात तो ये है कि डॉक्टर भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ डॉक्टर तो इतने बेपरवाह हैं कि मास्क नहीं लगाने के ऊलजलूल बहाने बना रहे हैं.

बोकारो में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं और कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. बोकारो सदर अस्पताल में डॉक्टर से लेकर आम कर्मी तक कोरोना के खतरे से बेखौफ है. एक तरफ जहां इलाज कराने पहुंचे मरीज मास्क नहीं लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ डॉक्टर भी बिना मास्क के ही मरीजों की जांच कर रहे हैं. ऐसे में अगर एक भी डॉक्टर कोरोना के संक्रमित होता है तो वह सैकड़ों मरीजों को संक्रमित कर सकता है. कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट डेल्टा से कई गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है और अगर डॉक्टर इस तरह की गलती करते हैं को फिर कोरोना की तीसरी लहर सुनामी में बदल सकती है.

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बोकारो सदर अस्पताल में बिना मास्क के मरीज इलाज कराने आ रहे मरीजों से जब कोरोना के खतरे पर सवाल पूछा गया तो वे अपनी गलती स्वीकार करते नजर आए. लेकिन अस्पताल में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉक्टर केके दास का जवाब कुछ हैरान करने वाला था. उनका कहना था कि वह खुद मरे हुए हैं उनकी दोनों किडनी खराब है. ऐसे में मास्क लगाकर इलाज नहीं कर पाते, सांस लेने में दिक्कत होती है. जब इस मुद्दे पर बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की गई तो वे भी मास्क पहनने की सवाल पर हंसते हुए नजर आए. उनका कहना था सभी लोग मास्क पहने हुए हैं.

एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक है और दूसरी तरफ डॉक्टरों का हास्यास्पद जवाब, अगर झारखंड में इस तरह के डॉक्टर रहेंगे तो कोरोना की सुनामी को कोई भी नहीं रोक सकता. बोकारो में कोरोना कितनी तेजी से पैर पसार रहा है उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 5 महीने में बोकारो जिले में 109 पॉजिटिव केस मिले थे. लेकिन दिसंबर के 30 दिनों में ही अभी तक 198 संक्रमित मरीज मिले हैं. जबकि पिछले 24 घंटे में 46 नए पॉजिटिव मामले बोकारो जिले में सामने आए है.

Last Updated : Dec 31, 2021, 8:19 PM IST
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