बोकारो: सदर अस्पताल बोकारो में लाखों की जीवन रक्षक दवा एक्सपायर हो गई थी. जिसे टॉयलेट में फेंक दिया गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद जिला प्रशासन की निंद खुली. उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बोकारो के जिला परिवहन पदाधिकारी की अगुवाई में कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई. जिसमें मामला पूरी तरह से सत्य पाया गया है. अब सदर अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक, फार्मासिस्ट और स्टोरकीपर के खिलाफ कार्रवाई होना तय है.
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जांच रिपोर्ट आने के बाद उपायुक्त ने सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह को सदर अस्पताल के तत्कालीन उपाधीक्षक, फार्मासिस्ट और स्टोरकीपर पर कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उपायुक्त ने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मामले में जितने लोग भी शामिल होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उपाधीक्षक ने टॉयलेट में दवा फेंके जाने की बातों से किया इनकार
बोकारो सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई थी. जहां एक तरफ अस्पताल में मरीजों को सभी दवा नहीं मिल पा रही है. वहीं अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली लाखों की दवा रखे-रखे एक्सपायर हो गई और उसे टॉयलेट में फेंक दिया गया था. मामले की खबर लगते ही ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की थी. इस दौरान कई पेटियां एक्सपायरी दवा फेंकी हुई मिली. बोकारो सदर अस्पताल के वार्ड के बगल में एक टॉयलेट में जीवन रक्षक दवाओं को फेंक गया था. इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की तो उन्होंने टॉयलेट में एक्सपायरी दवा रखे होने से ही इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है, पूर्व के उपाधीक्षक के कार्यकाल में ऐसा हुआ होगा. हालांकि जब उन्होंने वीडियो देखा तो सिर्फ इतना ही कहा कि यह सभी दवाइयां जीवन रक्षक दवाइयां हैं.
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सिविल सर्जन को मामले की जानकारी नहीं
वहीं इस मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र सिंह से बात की तो उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मुझे आपके माध्यम से ही जानकारी मिली है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को मामले की जांच करने का निर्देश दिया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया था कि शॉर्ट टर्म एक्सपायरी की दवा खरीदने और राज्य मुख्यालय से सप्लाई होने में देरी होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है. देखना होगा कि दवाई कब आई थी और एक्सपायर होकर कैसे बर्बाद हो गई.