बोकारो: राज्य सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त नजर आती है. लेकिन कभी-कभी सरकार की कथनी और करनी में अंतर नजर आता है. ताजा मामला बोकारो का है. जहां जिला समादेष्टा पर घूस लेने का आरोप लगा है. होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि समादेष्टा बिना पैसे लिए होमगार्ड जवान को ड्यूटी के लिए कमान नहीं काटते हैं.
जिला समादेष्टा पर घूस लेने का आरोप
समादेष्टा पर आरोप लगाया है कि वो बिना घूस लिए कमान निर्गत नहीं करते हैं. इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें कमान देने के लिए पैसे लेते हुए देखा जा सकता है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है, इस बारे में होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने होमगार्ड डीजी से जांच की मांग की है. वहीं इस मामले में जिला समादेष्टा ने भी पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि जो भी आरोप लग रहे हैं वह सीधे तौर पर गलत है. जो वीडियो पैसा लेते दिखाया जा रहा है वह कब का है ये स्पष्ट नहीं है.
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डीसी और डीजीपी को लिखा पत्र
जिस तरह होमगार्ड के पदाधिकारियों और कर्मियों पर घूस लेने का आरोप लगा है. उसकी गूंज जिले के डीसी के साथ-साथ राज्य के डीजीपी और होमगार्ड के डीजी के पास भी पहुंची है. इन अधिकारियों को पत्र भेजकर जिले से भ्रष्ट जिला समादेष्टा को हटाने की मांग की गयी है. बता दें कि 10 जुलाई को एसीबी धनबाद की टीम ने होमगार्ड कमांडर नीलकंठ महतो और गृहरक्षक ध्रुव कुमार को 2500 रुपए घूसे लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
जांच के बाद स्पष्ट होंगी चीजें
ऐसे में समझा जा सकता है कि होमगार्ड में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है. विधायक समेत अन्य अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा जा रहा है कि होमगार्ड जवानों को कमान देने के नाम पर तीन हजार से लेकर सात हजार ऑफिस के दलालों के द्वारा वसूला जा रहा है. घूस लेने का आरोप लगने की बात में कितनी सच्चाई है और यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन जिस तरह कमान काटने के नाम पर पैसे की उगाही की जाती है यह कोई नहीं बात नहीं है.