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वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.39 प्रतिशत रहा - राजकोषीय घाटा

आंकड़ों के संदर्भ में कहा जाए तो 31 मार्च 2019 के अंत में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि बजट में राजकोषीय घाटे के 6.34 लाख करोड़ रुपए रहने का संशोधित पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था.

वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.39% प्रतिशत रहा
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Published : May 31, 2019, 6:37 PM IST

Updated : May 31, 2019, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 प्रतिशत रहा है. यह बजट के 3.40 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में कम है.

राजकोषीय घाटे के बजट के संशोधित अनुमान से कम रहने का मुख्य कारण कर से अन्यत्र अन्य मदों में प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि तथा खर्च का कम रहना है.

आंकड़ों के संदर्भ में कहा जाए तो 31 मार्च 2019 के अंत में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि बजट में राजकोषीय घाटे के 6.34 लाख करोड़ रुपए रहने का संशोधित पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था.

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राजकोषीय घाटे के आंकड़े हालांकि बढ़े हैं लेकिन जीडीपी के बढ़े आंकड़े से इसकी तुलना करने पर यह 3.39 प्रतिशत रहा है. महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39% रहा.

हालांकि, वास्तविक आंकड़ों में राजकोषीय घाटा बढ़ा है, लेकिन जीडीपी बढ़ने के कारण इसकी तुलना में राजकोषीय घाटा का अनुपात कम हुआ है.

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 प्रतिशत रहा है. यह बजट के 3.40 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में कम है.

राजकोषीय घाटे के बजट के संशोधित अनुमान से कम रहने का मुख्य कारण कर से अन्यत्र अन्य मदों में प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि तथा खर्च का कम रहना है.

आंकड़ों के संदर्भ में कहा जाए तो 31 मार्च 2019 के अंत में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि बजट में राजकोषीय घाटे के 6.34 लाख करोड़ रुपए रहने का संशोधित पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था.

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राजकोषीय घाटे के आंकड़े हालांकि बढ़े हैं लेकिन जीडीपी के बढ़े आंकड़े से इसकी तुलना करने पर यह 3.39 प्रतिशत रहा है. महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39% रहा.

हालांकि, वास्तविक आंकड़ों में राजकोषीय घाटा बढ़ा है, लेकिन जीडीपी बढ़ने के कारण इसकी तुलना में राजकोषीय घाटा का अनुपात कम हुआ है.

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वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.39% प्रतिशत रहा 

नई दिल्ली: साल 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 प्रतिशत पर आ गया जो बजट के संशोधित अनुमानों में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से कम है, मुख्य रूप से गैर-कर राजस्व में वृद्धि और कम खर्च के कारण.

पूर्ण रूप से, 31 मार्च, 2019 के अंत में राजकोषीय घाटा बजट के संशोधित अनुमानों में 6.34 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 6.45 लाख करोड़ रुपये रहा.

नियंत्रक महालेखाकार (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 प्रतिशत है.

यद्यपि निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा बढ़ गया है, लेकिन जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घाटे का आंकड़ा मामूली रूप से कम हो गया है, मुख्य रूप से 2018-19 में जीडीपी विस्तार के कारण - जिसका डेटा बाद में दिन में जारी किया जाएगा.

 


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Last Updated : May 31, 2019, 7:52 PM IST
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