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करोड़ों की लागत से बना जल मीनार, 12 साल बाद भी नहीं हो पाई जलापूर्ति

साहिबगंज के नारायणपुर प्रखंड में लोगों को प्यास बुझाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु मात्र बनकर रह गया है.12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति नहीं हो पाई है और न ही योजना पूरी हो पाई है. नतीजा आज भी भीषण गर्मी और जलसंकट में लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाया है. नारायणपुर प्रखंड के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है.

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Published : Jun 20, 2019, 11:35 AM IST

जानकारी देते स्थानीय और अधिकारी

जामताड़ा: जिले के नारायणपुर प्रखंड में करोड़ों की लागत से बना जल मीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. 12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हो पाई है. न ही पानी ही लोगों को नसीब हो पाया है.

जानकारी देते स्थानीय और अधिकारी


नारायणपुर प्रखंड में लोगों को प्यास बुझाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु मात्र बनकर रह गया है.12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति नहीं हो पाई है और न ही योजना पूरी हो पाई है. नतीजा आज भी भीषण गर्मी और जलसंकट में लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाया है. नारायणपुर प्रखंड के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है.


पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो प्रखंड की जनता को यह उम्मीद जगी थी कि अब पानी के लिए उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा और पानी की समस्या से उन्हें मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं. आज भी लोगों के पानी के लिए भटकना पड़ता है. जल मीनार में लगे उपकरण वगैरह सब जंग खाने लगे हैं और यहां तक कि पानी टंकी की स्थिति भी जर्जर होने लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जल मीनार बन गया है, लेकिन कब पानी मिलेगी इसकी कोई उम्मीद नहीं है.


करीब 50,000 गैलन की क्षमता वाले निर्मित इस जल मीनार से पानी की आपूर्ति को लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने शीघ्र ही पानी की टंकी में पानी टेस्ट कर पाइप के द्वारा आपूर्ति करने की बात कही, लेकिन कब तक पानी की टंकी से जलापूर्ति शुरू हो जाएगी यह समय सीमा बताने में असमर्थ रहे. लोगों को प्यास बुझाने के लिए बना जलमीनार से लोगों को प्यास कब बुझेगी यह भविष्य के गर्भ में है. देखना है कि जल मीनार से पेयजल की आपूर्ति हो पाती है या नहीं.

जामताड़ा: जिले के नारायणपुर प्रखंड में करोड़ों की लागत से बना जल मीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. 12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हो पाई है. न ही पानी ही लोगों को नसीब हो पाया है.

जानकारी देते स्थानीय और अधिकारी


नारायणपुर प्रखंड में लोगों को प्यास बुझाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु मात्र बनकर रह गया है.12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति नहीं हो पाई है और न ही योजना पूरी हो पाई है. नतीजा आज भी भीषण गर्मी और जलसंकट में लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाया है. नारायणपुर प्रखंड के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है.


पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो प्रखंड की जनता को यह उम्मीद जगी थी कि अब पानी के लिए उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा और पानी की समस्या से उन्हें मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं. आज भी लोगों के पानी के लिए भटकना पड़ता है. जल मीनार में लगे उपकरण वगैरह सब जंग खाने लगे हैं और यहां तक कि पानी टंकी की स्थिति भी जर्जर होने लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जल मीनार बन गया है, लेकिन कब पानी मिलेगी इसकी कोई उम्मीद नहीं है.


करीब 50,000 गैलन की क्षमता वाले निर्मित इस जल मीनार से पानी की आपूर्ति को लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने शीघ्र ही पानी की टंकी में पानी टेस्ट कर पाइप के द्वारा आपूर्ति करने की बात कही, लेकिन कब तक पानी की टंकी से जलापूर्ति शुरू हो जाएगी यह समय सीमा बताने में असमर्थ रहे. लोगों को प्यास बुझाने के लिए बना जलमीनार से लोगों को प्यास कब बुझेगी यह भविष्य के गर्भ में है. देखना है कि जल मीनार से पेयजल की आपूर्ति हो पाती है या नहीं.

Intro:जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड में करोड़ों की लागत से बना जल मीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। 12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति योजना नहीं पूरी हो पाई है। ना ही एक छटाक पानी ही लोगों को नसीब हो पाया है।


Body:जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड में लोगों को प्यास बुझाने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जल मीनार का निर्माण कराया गया है ।लेकिन यह जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु मात्र बनकर रह गया है ।12 साल बीत जाने के बाद भी आज तक जलापूर्ति नहीं हो पाई है और ना ही योजना पूरी हो पाई है। नतीजा आज भी भीषण गर्मी और जलसंकट में लोगों को एक छटाक पानी नसीब नहीं हो पाया है ।नारायणपुर प्रखंड के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है ।लेकिन सिर्फ पानी की टंकी देखकर अपनी प्यास को बुझाते हैं । पानी टंकी का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो प्रखंड की जनता को यह उम्मीद जगी थी कि अब पानी के लिए उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा और पानी की समस्या से उन्हें मुक्ति मिल जाएगी ।लेकिन हुआ वही ढाक के तीन पात। सिर्फ जल मीनार तो बना दिया गया है ।लेकिन जल मीनार से पानी की आपूर्ति कब होगी यह कहना कठिन है। जलमिनार में लगे उपकरण वगैरह सब जंग खाने लगे हैं और यहां तक कि पानी टंकी की स्थिति भी जर्जर होने लगी है ।जिस उद्देश्य जल मीनार का निर्माण कराया गया था ।आज उसकी पूर्ति प्रखंड के लोगों को नहीं हो पा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जल मीनार बन गया है। लेकिन कब पानी मिलेगा इसका कोई उम्मीद नहीं है ।पानी के लिए जबकि काफी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बाईट स्थानीय निवासी
V2 करीब 50000 गैलन की क्षमता वाले निर्मित इस जलमिनार से पानी की आपूर्ति को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी पेयजल स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता से जब संपर्क साधा गया तो उन्होंने शीघ्र ही पानी की टंकी में पानी टेस्ट कर पाइप के द्वारा आपूर्ति करने की बात कही। लेकिन कब तक पानी की टंकी से जलापूर्ति प्रारंभ हो जाएगी लोगों को पानी मिलने लगेगा यह समय सीमा बताने में असमर्थ रहे।
बाईट मदन मोहन प्रसाद सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जामताड़ा


Conclusion:लोगों को प्यास बुझाने के लिए बना जल मीनार से लोगों को प्यास कब बुझेगी यह भविष्य के गर्भ में है। देखना है कि कब तक जल मीनार से पेयजल की आपूर्ति हो पाती है या नहीं।

पीटीसी संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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