चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम में हाथियों के उत्पात के बाद ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला है. मुआवजे के प्रावधानों की जानकारी नहीं होने के कारण वर्षों बीत जाने के बाद भी अब तक ग्रामीण मुआवजा से वंचित हैं. विभाग के कर्मचारियों द्वारा भी ग्रामीणों को मुआवजे दिलाने को लेकर किसी भी प्रकार की जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है.
इससे बड़ी विडंबना ग्रामीणों के लिए और क्या हो सकती है कि हाथियों के द्वारा हर साल क्षेत्र में निवास करने वाले सैकड़ों ग्रामीणों का नुकसान होता है उसके बावजूद भी ग्रामीणों को वन विभाग के द्वारा मुआवजा नहीं दिया जाता है. हाथियों के उत्पात से पश्चिम सिंहभूम जिले के ग्रामीणों को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है. उसके बावजूद वन विभाग उनके साथ मुआवजे के नाम पर मात्र खानापूर्ति और औपचारिकता निभा कर छोड़ देते हैं.
पिछले 5 वर्षों से तांतनगर प्रखंड अंतर्गत अंगारडीहा पंचायत के ग्रामीण हाथियों के कहर का शिकार होते रहे हैं. हाथियों ने अंगरडीहा पंचायत के कई गांव में उत्पात मचाते हुए कई ग्रामीणों के मकान एवं अनाजों की क्षति पहुंचाई है, लेकिन कुछ ग्रामीणों को तत्काल मुआवजा राशि उपलब्ध करवाने के बाद वन विभाग के अधिकारी शिथिल पड़ गए. ग्रामीणों को हाथियों के कहर का शिकार होने के बाद मिलने वाले मुआवजे के प्रावधानों की जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण वन विभाग से मुआवजे की रकम नहीं ले पाते हैं.