सरायकेला: जिले के गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक मरीज की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर बवाल मचाया. एंबुलेंस की मांग को लेकर उत्पन्न विवाद संघर्ष का रूप ले लिया. चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ग्रामीणों की विवाद इतनी बढ़ गई कि दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी धनंजय और आदित्यपुर थाना पुलिस को मौके पर पहुंचकर बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा. जिसके बाद स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद आक्रोशित ग्रामीण शांत हुए और शव को अपने घर ले गए.
परिजनों के अनुसार मृतक मजदूर था, उनके तीन बच्चे हैं. गम्हरिया स्टेशन से सटे मुड़कुम रोड के कंसारी मोहल्ला निवासी प्रयाग कंसारी (29) की मंगलवार को दस्त से स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. उसे एक टेंपो में लादकर उनके परिजन किसी तरह गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए. जहां इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक डॉ. नेहा पांडेय ने जब उसकी जांच की तो उसकी मौत हो चुकी थी. मौत की बात सुनकर मरीज के साथ आए उनके परिजन समेत ग्रामीणों में आक्रोश भर उठा. वहां मौजूद चिकित्सकों से सभी उलझ पड़े.
एंबुलेंस की मांग पर मचाया बवाल
उन्होंने चिकित्सकों से 108 एंबुलेंस तुरंत उपलब्ध कराने और एमजीएम रेफर करने की मांग को लेकर बवाल मचाना शुरू कर दिया. स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सकों ने 108 एंबुलेंस की सुविधा अस्पताल में नहीं होने और इसका नियंत्रण रांची से होने की बात कही. यह सुनकर ग्रामीण इतने आक्रोशित हो गए कि वहां कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई. चिकित्सकों से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में दहशत व्याप्त हो गया. इस मामले की सूचना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. योगेश्वर प्रसाद की ओर से आदित्यपुर थाना समेत सीओ सह इंसिडेंट कमांडर धनंजय को देकर मदद की गुहार लगाई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और दंडाधिकारी ने स्थिति को संभालते हुए ग्रामीणों को शांत किया.
अस्पताल में एंबुलेंस नहीं होना दुखद
इस मौके पर मौजूद पूर्व पार्षद सोनू कुमार ने कहा कि प्रखंड के इस सबसे बड़े अस्पताल में एक अदद एंबुलेंस के नहीं होने से क्षेत्र के लोगों को समय पर आपात स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है. इससे कभी-कभी उनकी जान तक चली जाती है. वहीं, सीओ सह इंसिडेंट कमांडर धनंजय ने कहा कि हंगामा की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करते हुए उनकी समस्या निदान किया गया.