रांचीः विधायक सरयू राय ने विशेष शाखा के अवैध कार्यालय का संचालन निजी व्यक्ति से कराए जाने के मामले में नए सिरे से जांच की मांग की है. सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संबंध में पत्र लिखा है.
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क्या है पत्र में
पत्र में बताया गया है कि एक मई को विशेष शाखा के कार्यालय का संचालन निजी व्यक्ति के करने और सीआइडी में फोन टैपिंग को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा गया था. इस मामले में विशेष शाखा की जांच अधर में लटकी हुई है. सरयू राय ने मुख्यमंत्री को बताया है कि 7 अगस्त को उन्होंने राज्य के डीजीपी को इस संबंध में स्मारित कर जांच प्रतिवेदन की मांग की थी, जो नहीं मिली. सरयू राय ने आशंका जाहिर की है कि विशेष शाखा की जांच में जानबूझकर लीपापोती की गई है. सरयू राय ने लिखा है कि विशेष शाखा के एडीजी ने संभवत: जांच प्रतिवेदन में कहा है कि सच्चाई बाहर आएगी तो पुलिस की बदनामी होगी.
जल्द जांच हो पूरी
सरयू राय ने मांग किया है कि पूर्व में हुए विशेष शाखा के काले कारनामों की जांच का दूसरा चरण शीघ्र पूरा करायें. वहीं, अबतक की जांच में हुए खुलासों के अनुसार चिन्हित दोषियों पर कारवाई करायें और सीआईडी और विशेष शाखा की जांच के पहले चरण के प्रतिवेदनों को उन्हें उपलब्ध कराया जाए. सरयू राय ने लिखा है कि इन मामलों में कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस के अधिकारियों की मनोवृति आपराधिक हो जाएगी और वे कानून विरोधी काम करने लगेंगे. कोयला का अवैध उठाव करने लगेंगे.
लाठीचार्ज को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं, जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने सहायक पुलिसकर्मियों के ऊपर लाठीचार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि सरकार को उनके प्रतिनिधि के साथ वार्ता कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. पुलिसकर्मियों के साथ ही कई अल्प वेतन भोगी समूह भी है, जो सरकार के साथ संविदा पर काम कर रहे हैं. ऐसे सभी समूह के हितों का ध्यान रखना चाहिए. जरूरत है कि नौजवानों को रोजगार मिलना चाहिए. सरकार को सरकारी क्षेत्र में रिक्तियों को सार्वजनिक करना चाहिए और इन्हें भरने की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. टेट पास युवकों और पंचायत सचिव की परीक्षा देने वाले युवकों की भी बहाली के बारे में सरकार को अपना विश्वास स्पष्ट करना चाहिए.