गुमला/रामगढ़: पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ किया. इसको लेकर गुमला और रामगढ़ में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह योजना असंगठित कामगारों की वृद्धावस्था की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है.
ये योजना अधिकतर रिक्शा चालक, फेरीवाला, मिड डे मिल कामगार, बोझ उठाने वाले कामगार, ईट भट्ठा कामगार, मोची, कूड़ा बीनने वाले घरेलू कामगार, धोबी, खुद का काम करने वाले कामगार, खेतिहर कामगार, निर्माण कामगार, बीड़ी बनाने वाले कामगार, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार, ऑडियो विजुअल कामगार या इसी तरह के अन्य व्यवसायों में काम करने वालों के लिए है.
18 से 40 वर्ष आयु के लोग होंगे लाभान्वित
इस पेंशन योजना से 18 से 40 वर्ष आयु के असंगठित कामगार लाभान्वित होंगे. जिनकी मासिक आय पन्द्रह हजार रुपए या इससे कम है. वे ही इसका लाभ ले सकते हैं. इसके लिए उनके पास आधार कार्ड, बचत या जनधन खाते के दस्तावेज होने चाहिए.
60 वर्ष के बाद तीन हजार पेंशन
इस प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना की विशेषताएं यह है कि यह एक स्वैच्छिक और अंशदाई पेंशन योजना है. जिसके तहत पेंशन धारकों को 60 वर्ष की आयु होने के बाद न्यूनतम 3 हजार रुपए प्रति माह निश्चित पेंशन मिलेगी. यदि पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके पति/पत्नी को पेंशन का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा.
आयकर दाता नहीं ले सकेंगे लाभ
इस योजना का लाभ संगठित क्षेत्र में कार्यरत या इपीएफ/एनपीएस/ईएसआईसी के सदस्य या आयकर दाता नहीं ले सकते हैं. सूबे के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव ने शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की कोई भी योजना होती है वह काफी सोच विचार कर योजना को लागू किया जाता है. कोई भी योजना लागू होता है तो उसका एक टारगेट होता है कि किसको लाभ देना है.