रांची: संसद में पारित कृषि सुधार विधेयक को लेकर विपक्ष के लोगों ने किसान विरोधी बयान दिए. जिसके बाद मेयर आशा लकड़ा ने रविवार को कहा कि फिलहाल विपक्षी पार्टियों के पास न तो कोई मुद्दा है और न ही किसानों के हित के प्रति सकारात्मक सोच है. राज्य में कांग्रेस, जेएमएम, गठबंधन की सरकार को डर है कि अब किसानों की उपज की बिक्री में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इस बिल के प्रति सकारात्मक रुख अपनाएं. कांग्रेस के बहकावे में आकर केंद्र सरकार की नीति और किसानों के हित की अनदेखी न करें.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा से इस बिल को पारित कराकर किसानों को बड़े फलक पर बाजार उपलब्ध कराया है. अब किसान अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे. वर्तमान में किसानों को अपनी उपज की बिक्री के लिए कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. किसानों के लिए अधिसूचित कृषि उत्पादन विपणन समिति के बाहर कृषि उपज की बिक्री पर कई तरह के प्रतिबंध थे. किसानों को राज्य सरकार के पंजीकृत लाइसेंस धारियों को उपज बेचने की बाध्यता थी लेकिन इस विधेयक के माध्यम से एक नए पारिस्थिति की तंत्र की स्थापना होगी. जहां किसानों और व्यवसायियों को कृषि उपज की खरीद-बिक्री के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे.
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मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री भी स्पष्ट कर चुके हैं कि संसद से पारित तीनों विधेयक किसानों के हित में है. इस विधेयक के माध्यम से अधिक उपज वाले क्षेत्र के किसानों को उनकी उपज पर बेहतर मूल्य प्राप्त होगा. इसके साथ ही कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अनाज प्राप्त होगा. इस अधिनियम के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री पर किसी प्रकार का उपकर या लगान नहीं लिया जाएगा. उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा. इससे किसान न सिर्फ समृद्ध होंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को विकसित करने में किसानों की अहम भूमिका सुनिश्चित होगी.