देवघर: घर में शौचालय नहीं होने के कारण देवघर के बैरागी मुहल्ले के वार्ड नंबर 27 में रहने वाली महिला ने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया और आज अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. यह कहानी उस महिला की है, जिसे खुले में शौच जाने से बेहतर मौत को ही अपना हमसफर चुनना सही लगा.
दरअसल, झारखंड सरकार की तरफ से देवघर नगर निगम क्षेत्र को काफी पहले ही खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, लेकिन पीड़ित महिला के दावे ने न सिर्फ सिस्टम बल्कि, सरकार और उन सरकारी मुलाजिमों के गाल पर वह जोरदार तमाचा मारा है.
महिला और इनके परिजनों का आरोप है कि सरकार की तरफ से मिलने वाली योजना आवास और हर घर शौचालय के लिए इसने भी आवेदन दिया था, लेकिन खुले में शौच जाने वाली इस महिला की गुहार अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई. आखिरकार, लोकलाज और शर्मिंदगी का बोझ उठाते-उठाते थक चुकी महिला ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया.
इस बाबत जब नगर निगम के सिटी मैनेजर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल बंद पाया गया. वहीं, जब इस क्षेत्र के जोनल चेयरमेन रवि राउत से संपर्क किया गया तो इन्होंने कहा कि कुछ लोगों को चिन्हित किया था, जिनको कि शौचालय आवंटित किया जाना था और जिसका आवेदन भी जमा कराया गया था. मगर ठीकरा निगम अधिकारी पर थोपते हुए कहा कि कही न कही ये लापरवाही निगम अधिकारी की है. अगर पीड़ित महिला के पड़ोसियों की माने तो अक्सर यह देखा जाता था कि शौच के लिए इनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.
बहरहाल, अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी इस महिला के शरीर से जहर का असर तो कम हो चुका है और खतरे से बाहर है. अब इंतजार इस बात की रहेगी कि इतना होने के बावजूद प्रशासन की क्या पहल होगी.