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झारखंड हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपियों की याचिका की खारिज, नहीं मिली जमानत

बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में टेरर फंडिंग मामले की सुनवाई की गई, जिसमें न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार ने आरोपी बीरबल गंझू और सुदेश केडिया को जमानत देने से इंकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया.

terror funding case.
झारखंड हाईकोर्ट
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Published : Jun 24, 2020, 4:47 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 8:02 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल बुधवार को अदालत ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और सुदेश केडिया की याचिका को भी खारिज कर दिया.


आरोपियों को जमानत सुविधा प्रदान करने से इंकार
मगध और आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में बुधवार को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में यह फैसला सुनाया गया है. फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने टेरर फंडिंग के मामले को गंभीर मामला बताते हुए आरोपियों को जमानत सुविधा प्रदान करने से इंकार कर दिया और उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि आरोपी के ऊपर लगाए गए आरोप गलत है, इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.


इसे भी पढ़ें- झारखंड हाईकोर्ट में महिला को एसिड पिलाने के मामले पर हुई सुनवाई, अदालत ने डीजीपी से मांगा जवाब

वहीं एनआईए की ओर से उनकी जमानत याचिका का विरोध किया गया और उनकी याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में पूर्व में सुनवाई पूरी कर ली गई थी और आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. उसी आदेश को सुनाते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी हैं. फिलहाल मामले की सुनवाई एनआईए की विशेष अदालत में चल रही है.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल बुधवार को अदालत ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और सुदेश केडिया की याचिका को भी खारिज कर दिया.


आरोपियों को जमानत सुविधा प्रदान करने से इंकार
मगध और आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मामले में बुधवार को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में यह फैसला सुनाया गया है. फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने टेरर फंडिंग के मामले को गंभीर मामला बताते हुए आरोपियों को जमानत सुविधा प्रदान करने से इंकार कर दिया और उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि आरोपी के ऊपर लगाए गए आरोप गलत है, इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.


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वहीं एनआईए की ओर से उनकी जमानत याचिका का विरोध किया गया और उनकी याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि टेरर फंडिंग के आरोपी नक्सली बीरबल गंझू और ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में पूर्व में सुनवाई पूरी कर ली गई थी और आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. उसी आदेश को सुनाते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी हैं. फिलहाल मामले की सुनवाई एनआईए की विशेष अदालत में चल रही है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 8:02 PM IST

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