रांची: अगस्त महीने से शहरों की झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में क्लीनिक लगायी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बाबत निर्देश दिया है. इस क्लीनिक में सामान्य जांच के साथ ही ओपीडी की सुविधा रहेगी. जिन मरीजों को इससे बेहतर इलाज की जरूरत होगी, उन्हें क्लीनिक द्वारा दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जाएगा.
इस क्लीनिक के लगने से लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने होंगे. रघुवर सरकार का दावा है कि झारखंड में 36.65 लाख लाभुकों को गोल्डन कार्ड दिया जा चुका है. इस मामले में देश में झारखंड तीसरे स्थान पर है, लेकिन जिनको अब तक गोल्डन कार्ड नहीं मिला है उन्हें सरकार 15 जुलाई तक अभियान चलाकर अपने खर्च से मुहैया कराएगी. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही.
समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य में 1,73,501 मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत के तहत किया जा चुका है. इसमें 1,51,668 मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में हुआ है. इसके लिए सरकार की ओर से इलाज पर 170 करोड़ पैसे ज्यादा खर्च किए गए हैं. समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि राज्य के 35 दुर्गम प्रखंडों में सितंबर से बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू होगी. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अभियान चलाकर 31 जुलाई तक अस्पतालों में साफ-सफाई अभियान चलाने को कहा है.
इस दौरान अस्पतालों के खराब बेड और गद्दे भी बदले जाएंगे. इसके साथ ही रंग-रोगन कराए जाएंगे. अस्पतालों में छोटे-मोटे गैर तकनीकी काम के लिए आदिवासी और दलित बच्चों को प्रशिक्षित कर रोजगार देने को कहा गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी पंचायत भवनों में योग केंद्र चलाने का भी निर्देश दिया है. बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.