रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल संतोष गंगवार के अभिभाषण को दिशाहीन करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि अभिभाषण में झूठ ज्यादा था. राज्यपाल को दिशाहीन बजट पढ़ने के लिए मजबूर किया गया.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्ताधारी दलों के विधायकों में कोई उत्साह नहीं दिखा. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अभिभाषण के दौरान उत्साहित नहीं दिखे. जिस तरह से लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान मेज थपथपाकर लोगों का उत्साहवर्धन किया जाता है, वैसा आज कहीं नहीं दिखा.
भाजपा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि राज्यपाल से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजनाओं के बारे में भी बताने को कहा गया. इसका उदाहरण यह है कि राज्यपाल से हर घर नल जल योजना का जिक्र करने को कहा गया, जबकि पश्चिम बंगाल के बाद झारखंड में यह सबसे ज्यादा फ्लॉप रही है.
वहीं नेता प्रतिपक्ष नहीं चुने जाने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार राज्य के विकास और संवैधानिक आयोगों के गठन को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछली बार चार साल तक नेता प्रतिपक्ष रहने के बावजूद इन लोगों ने मामले को लंबित रखा. उन्होंने कहा कि आज भी विधानसभा न्यायाधिकरण से उनके दलबदल पर फैसला नहीं आया है.
डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि जिन जन आकांक्षाओं के साथ सरकार बनी है, उसे पूरा होते हुए दिखना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि मंईयां सम्मान योजना कारगर नहीं होगी, आज ऐसा होता दिख रहा है.
यह भी पढ़ें:
झारखंड विधानसभा का बजट सत्रः राज्यपाल ने बताया अहम, बिना नेता प्रतिपक्ष शुरू हुई सदन की कार्यवाही