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देवघर के शिव और पार्वती मंदिर से उतारे गए पंचशूल, छूने के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़ - PANCHSHOOL REMOVED FROM SHIV TEMPLE

देवघर के बैद्यनाथ धाम में शिव और पार्वती मंदिर से पंचशूल उतारा गया. उसे छूने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी.

PANCHSHOOL REMOVED FROM SHIV TEMPLE
मंदिर के गुंबद से उतारे गए पंचशूल (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 24, 2025, 6:00 PM IST

देवघर: महाशिवरात्रि को लेकर देवघर के बाबा मंदिर में तैयारी जोरों पर है. इसी को देखते हुए सोमवार को मंदिर में लगे सभी पंचशूलों को उतारा गया और विधिवत पूजा के साथ शिवरात्रि के दिन सभी पंचशूलों को पुनः मंदिर के गुंबदों पर लगाया जाएगा. इसको लेकर सोमवार को बैजू परिवार के लोगों ने मंदिर के ऊपर लगे पंचशूलों को खोलने का काम किया.

सरदार पंडा की मौजूदगी में पंचशूल को खोलकर जब नीचे लाया गया तो विधि-विधान के साथ उसे मंदिर के सुरक्षित स्थान पर रखा गया, जहां पर इसकी विधिवत पूजा की जाएगी. पंचशूल के नीचे उतरते ही मंदिर में जुटी भीड़ एक बार उसे छूने के लिए पंचशूल की तरफ टूट पड़ी. लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर में मौजूद प्रशासन को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

पंचशूल को छूने के लिए उमड़ी भीड़ (ईटीवी भारत)
दरअसल, हर वर्ष शिवरात्रि से पहले देवघर के बैद्यनाथ धाम स्थित शिव मंदिर और माता पार्वती मंदिर के गुंबद में लगे पंचशूल को नीचे उतारा जाता है. विधिवत पूजा के बाद शिवरात्रि के दिन दोबारा मंदिर के गुंबद पर पंचशूल को लगाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि दोनों मंदिर के पंचशूल को एक साथ रखने से पूरे देश और दुनिया में प्रेम का भाव बढ़ता है. बता दें कि शिवरात्रि को लेकर देवघर में विशेष तैयारी की जा रही है. शिवरात्रि के दिन निकलने वाली शिव बारात को लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार खुद अपनी निगरानी बनाकर रखी है.

ये भी पढ़ें- देवघर में शिव बारात को लेकर तैयारी पूरी, जाने किस रूट से निकलेगी शिव बारात और कैसा रहेगा इंतेजाम

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शिवरात्रि से पहले क्यों उतारे जाते हैं पंचशूल, पूजा की क्या है मान्यता, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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सरदार पंडा की मौजूदगी में पंचशूल को खोलकर जब नीचे लाया गया तो विधि-विधान के साथ उसे मंदिर के सुरक्षित स्थान पर रखा गया, जहां पर इसकी विधिवत पूजा की जाएगी. पंचशूल के नीचे उतरते ही मंदिर में जुटी भीड़ एक बार उसे छूने के लिए पंचशूल की तरफ टूट पड़ी. लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर में मौजूद प्रशासन को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

पंचशूल को छूने के लिए उमड़ी भीड़ (ईटीवी भारत)
दरअसल, हर वर्ष शिवरात्रि से पहले देवघर के बैद्यनाथ धाम स्थित शिव मंदिर और माता पार्वती मंदिर के गुंबद में लगे पंचशूल को नीचे उतारा जाता है. विधिवत पूजा के बाद शिवरात्रि के दिन दोबारा मंदिर के गुंबद पर पंचशूल को लगाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि दोनों मंदिर के पंचशूल को एक साथ रखने से पूरे देश और दुनिया में प्रेम का भाव बढ़ता है. बता दें कि शिवरात्रि को लेकर देवघर में विशेष तैयारी की जा रही है. शिवरात्रि के दिन निकलने वाली शिव बारात को लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार खुद अपनी निगरानी बनाकर रखी है.

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