गढ़वा: राशन और पेंशन विषय पर सभा करने पहुंचे अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें सभा करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. फिर भी वह सभा कर रहे थे. पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले गयी. बाद में आवश्यक कार्रवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
डेहान ग्रुप के विवेक गुप्ता ने गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड मुख्यालय में राशन, पेंशन आदि विषयों पर सभा करने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी. लेकिन सभा की अनुमति नहीं दी गयी थी. बिना अनुमति के ही वहां सभा की जा रही थी. इस कार्यक्रम में ज्यां द्रेज बतौर मुख्य अतिथि थे. सूचना मिलने पर पुलिस ज्यां द्रेज और आयोजन कर्ता को हिरासत में लेकर थाने ले गयी. आवश्यक कार्रवाई के बाद बिना अनुमति के सभा नहीं करने की चेतावनी देकर ज्यां द्रेज को छोड़ दिया गया.
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इस मामले में श्री वंशीधर नगर के एसडीओ कमलेश्वर नारायण ने बताया कि सभा की अनुमति के लिए आवेदन मिला था. उसमें वक्ता का जिक्र नहीं किया गया था. आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विशुनपुरा के बीडीओ और थाना प्रभारी से मंतव्य मांगा गया था. दोनों के प्रतिवेदन में वक्ता का जिक्र नहीं होने के कारण सभा की अनुमति नहीं दी गयी थी.वहीं इस मामले में ज्यां द्रेज ने कहा कि 10 दिन पहले अनुमति के लिए आवेदन दिया गया था. अनुमति नहीं दी गयी, जबकि उसी स्थान पर दूसरे लोग बिना अनुमति के कार्यक्रम कर रहे हैं. यह डबल स्टैंडर्ड क्यों. समझ से परे है.
वहीं ज्यां द्रेज को हिलासत में लिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भुपेश बघेल ने कहा कि प्रसिद्ध खाद्य सुरक्षा कार्यकर्ता, जनहित के मुद्दों पर मुखर रहने वाले ज्यां द्रेज की झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तारी निंदनीय है। आखिर BJP की सरकारों को गरीब एवं आदिवासियों के हित के लिए काम करने वालों से इतनी नफरत क्यों है? ये लोग सच में सिर्फ़ सूट बट वालों के लिए ही काम करते हैं.