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RIMS में डॉक्टरों ने किया कलमबद्ध हड़ताल, कहा- अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो करेंगे भूख हड़ताल

रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्रों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन की ओर से अस्पताल में आनेवाले गरीब मरीजों का सीटी स्कैन एमआरआई या अन्य जांच रिम्स के ही केंद्रों में होना चाहिए, जबकि हेल्थ मैप और निजी जांच केंद्र में मरीजों की जांच के लिए मरीजों के लिए सरकार को हजारों रुपए देने पड़ते हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है.

रेडियोलॉजी के डॉक्टरों का हड़ताल
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Published : May 28, 2019, 5:15 PM IST

रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्र मंगलवार से पेन डाउन हड़ताल पर चले गए हैं. छात्रों ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन संस्थान के मशीनों को ठीक कराने के बजाए हेल्थ मैप जैसे निजी संस्थानों को सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे आदि की जिम्मेवारी दे दी है.

रेडियोलॉजी के डॉक्टरों का हड़ताल


हड़ताल पर गए रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि वो यहां बैठने नहीं, सीखने आए हैं, लेकिन रिम्स में लगा सिटी स्कैन मशीन और अल्ट्रा साउंड मशीन खराब रहेगा तो वो प्रायोगिक प्रशिक्षण कैसे प्राप्त कर पाएंगे. हेल्थ मैप में मात्र 2 डॉक्टर हैं, जबकि रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में दर्जनभर से अधिक पीजी छात्रों के अलावा रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर भी मौजूद हैं.


रिम्स में होनी चाहिए जांच: छात्र
रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्रों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन की ओर से अस्पताल में आनेवाले गरीब मरीजों का सीटी स्कैन एमआरआई या अन्य जांच रिम्स के ही केंद्रों में होना चाहिए, जबकि हेल्थ मैप और निजी जांच केंद्र में मरीजों की जांच के लिए मरीजों के लिए सरकार को हजारों रुपए देने पड़ते हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है.


परेशानी का सामना कर रहे मरीज
रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार बताते हैं कि रिम्स में लगे 4 अल्ट्रासाउंड मशीन में से दो मशीन खराब पड़ी है. वहीं एमआरआई मशीन काफी पुराने होने के कारण सही तरीके से काम नहीं कर रहा है जो अक्सर खराब पड़ा रहता है. इससे रिम्स में आनेवाले गरीब मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इन सभी जांच के लिए निजी जांच घरों में मरीजो की सुविधा के लिए सरकार को मोटी रकम देनी पड़ रही है.


रेडियोलॉजी की व्यवस्था ठीक हो
रेडियोलॉजी के छात्रों का कहना है कि रिम्स संस्थान में छात्रों ने नामांकन बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए किया था, लेकिन जब मशीन ही उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में रिम्स में पढ़ रहे छात्र क्या सीख पाएंगे और डिग्री लेने के बाद किस प्रकार से मरीजों का समुचित इलाज करेंगे. इसीलिए वो लोग प्रबंधन से अपने कलमबद्ध हड़ताल के माध्यम से यह मांग करते हैं कि रेडियोलोजी विभाग में लगे सभी मशीनों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराया जाए ताकि रेडियोलॉजी की व्यवस्था ठीक हो सके.

रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्र मंगलवार से पेन डाउन हड़ताल पर चले गए हैं. छात्रों ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन संस्थान के मशीनों को ठीक कराने के बजाए हेल्थ मैप जैसे निजी संस्थानों को सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे आदि की जिम्मेवारी दे दी है.

रेडियोलॉजी के डॉक्टरों का हड़ताल


हड़ताल पर गए रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि वो यहां बैठने नहीं, सीखने आए हैं, लेकिन रिम्स में लगा सिटी स्कैन मशीन और अल्ट्रा साउंड मशीन खराब रहेगा तो वो प्रायोगिक प्रशिक्षण कैसे प्राप्त कर पाएंगे. हेल्थ मैप में मात्र 2 डॉक्टर हैं, जबकि रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में दर्जनभर से अधिक पीजी छात्रों के अलावा रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर भी मौजूद हैं.


रिम्स में होनी चाहिए जांच: छात्र
रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्रों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन की ओर से अस्पताल में आनेवाले गरीब मरीजों का सीटी स्कैन एमआरआई या अन्य जांच रिम्स के ही केंद्रों में होना चाहिए, जबकि हेल्थ मैप और निजी जांच केंद्र में मरीजों की जांच के लिए मरीजों के लिए सरकार को हजारों रुपए देने पड़ते हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है.


परेशानी का सामना कर रहे मरीज
रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार बताते हैं कि रिम्स में लगे 4 अल्ट्रासाउंड मशीन में से दो मशीन खराब पड़ी है. वहीं एमआरआई मशीन काफी पुराने होने के कारण सही तरीके से काम नहीं कर रहा है जो अक्सर खराब पड़ा रहता है. इससे रिम्स में आनेवाले गरीब मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इन सभी जांच के लिए निजी जांच घरों में मरीजो की सुविधा के लिए सरकार को मोटी रकम देनी पड़ रही है.


रेडियोलॉजी की व्यवस्था ठीक हो
रेडियोलॉजी के छात्रों का कहना है कि रिम्स संस्थान में छात्रों ने नामांकन बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए किया था, लेकिन जब मशीन ही उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में रिम्स में पढ़ रहे छात्र क्या सीख पाएंगे और डिग्री लेने के बाद किस प्रकार से मरीजों का समुचित इलाज करेंगे. इसीलिए वो लोग प्रबंधन से अपने कलमबद्ध हड़ताल के माध्यम से यह मांग करते हैं कि रेडियोलोजी विभाग में लगे सभी मशीनों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराया जाए ताकि रेडियोलॉजी की व्यवस्था ठीक हो सके.

Intro:रांची
हितेश

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्र मंगलवार से पेन डाउन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर गए रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि हम यहां बैठने नहीं,सीखने आए हैं, लेकिन रिम्स में लगा सिटी स्कैन मशीन सहित अल्ट्रा साउंड मशीन खराब रहेंगे तो हम छात्र प्रायोगिक प्रशिक्षण कैसे प्राप्त कर पाएंगे।

छात्रों ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन संस्थान के मशीनों को ठीक कराने के बजाय हेल्थ मैप जैसे निजी संस्थानों को सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे आदि की जिम्मेवारी दे दी है।

हेल्थ मैप में मात्र 2 डॉक्टर हैं जबकि रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में दर्जनभर से अधिक पीजी छात्रों के अलावा रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर भी मौजूद हैं।

रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्रों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन की ओर से अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों का सीटी स्कैन एमआरआई या अन्य जांच रिम्स के ही केंद्रों में होना चाहिए जबकि हेल्थ मैप और निजी जांच केंद्र में मरीजों की जांच के लिए मरीजों के लिए सरकार को हजारों रुपए देने पड़ते हैं। जिससे स्वास्थ्य विभाग को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। यदि सीटी स्कैन,एम.आर.आई, अल्ट्रासाउंड जैसे जांच रिम्स परिसर में होते तो सरकार को निजी जांच केंद्रों में दिए जाने वाले पैसों की बचत होगी और इससे सरकार को आर्थिक लाभ मिलेगा।

साथ ही रेडियोलॉजी के डॉक्टर अनूप कुमार बताते हैं कि रिम्स में लगे 4 अल्ट्रासाउंड मशीन में से दो मशीन खराब पड़ी है वही एम आर आई मशीन काफी पुराने होने के कारण सही तरीके से काम नहीं कर रहा है जो अक्सर खराब पड़ा रहता है जिससे रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इन सभी जांच के लिए निजी जांच घरों में मरीज़ो की सुविधा के लिये सरकार को मोटी रकम देनी पड़ रही है।
वही रेडियोलॉजी के छात्रों का कहना है कि रिम्स संस्थान में छात्रों ने नामांकन बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए किया था लेकिन जब मशीन ही उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में रिम्स में पढ़ रहे छात्र क्या सीख पाएंगे और डिग्री लेने के बाद किस प्रकार से मरीजों का समुचित इलाज करेंगे।
इसीलिए हम लोग प्रबंधन से अपने कलम बंद हड़ताल के माध्यम से यह मांग करते हैं कि रेडियोलोजी विभाग में लगे सभी मशीनों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराया जाए ताकि रेडियोलॉजी की व्यवस्था ठीक हो सके। प्रबंधन हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो हम लोग अपने आंदोलन को और उग्र करते हुए भूख हड़ताल पर जाएंगे।
बाइट-डॉ अनूप( रीडियोलॉजी)


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