रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह और एकीकृत बिहार में विधान पार्षद रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छत्रपति शाही मुंडा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि यूपीए शासनकाल में ग्रामीण विकास मंत्री रहने के दौरान उन्होंने देश के विकास को लेकर काफी काम किया जो लंबे समय तक याद किया जाएगा. रामेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मार्ग निर्देशन में हर व्यक्ति को काम का अधिकार देने के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, नरेगा लागू किया गया. इसे लागू करने में रघुवंश प्रसाद सिंह की भूमिका काफी सराहनीय रही.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल में ही राजद से इस्तीफा दे दिया था और कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं की वजह से बीमार हो गए थे. 11 सितंबर की रात उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी. इसके अगले दिन कफ की शिकायत होने के बाद उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
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वहीं, उन्होंने एकीकृत बिहार में विधान परिषद के सदस्य रहे छत्रपति शाही मुंडा के निधन पर भी दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक छत्रपति शाही मुंडा ने समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के हितों की रक्षा के लिए जीवन भर संघर्ष किया. अंतिम समय तक वे कांग्रेस पार्टी और संगठन की मजबूती को लेकर प्रयासरत रहे. उनके निधन से झारखंड कांग्रेस को अपूरणीय क्षति हुई है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब-कमजोर और जरूरतमंद लोगों के लिए जीवन पर्यंत समर्पित रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने समाज के हर तबके के विकास के लिए एक लंबी लकीर खींची है, जिसे मिटा पाना संभव नहीं होगा. उन्होंने छत्रपति शाही मुंडा के निधन की खबर को भी पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया.
इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने पूर्व विधान पार्षद छत्रपति शाही मुंडा के निधन पर भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 1989 से लेकर 1992 तक छत्रपति शाही मुंडा एकीकृत बिहार में विधान परिषद के सदस्य रहे. इस दौरान वे अनुसूचित जनजाति, जाति समिति के सभापति भी रहे. एकीकृत बिहार में कांग्रेस कमेटी में महासचिव पद की जिम्मेवारी निभाने वाले छत्रपति शाही मुंडा ने अलग राज्य गठन के बाद भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव के पद पर रहते हुए संगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि महान समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन से भी यूपीए गठबंधन की राजनीति को गहरा धक्का लगा है.