पलामूः झारखंड़ के पलामू, चतरा और लातेहार के इलाके में एक बाघिन घूम रही है. यह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है. अक्टूबर से बाघिन लगातार इस इलाके को ठिकाना बनाए हुए है.
पलामू टाइगर रिजर्व द्वारा अक्टूबर और नवंबर के महीने में बाघों के स्कैट जांच के लिए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून भेजा गया था. इसकी जांच रिपोर्ट में इस इलाके में बाघिन के मौजूद होने की पुष्टि हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व में फिलहाल सात बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें एक बाघिन है.
गढ़वा के इलाके में एक बाघ लगातार शिकार कर रहा है और मवेशियों को निशाना बना रहा है. बाघिन की पुष्टि के बाद पलामू टाइगर रिजर्व में हाई अलर्ट जारी किया है और उनके मूवमेंट वाले इलाकों में कैमरे लगाए गए हैं. बाघिन जिस इलाके में है वहां अतिरिक्त वनकर्मियों की तैनाती की गई है.
"डब्लूएलआई के रिपोर्ट में बाघिन के होने की पुष्टि हुई है. 16 अक्टूबर को चतरा जबकि 30 नवंबर को बाघिन पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में थी. बाघिन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है एवं निगरानी बढ़ाई गयी है. बाघिन प्रजनन करती है तो पीटीआर में बाघों की संख्या बढ़ जाएगी. फिलहाल गढ़वा वाले को छोड़कर बाकी का मूवमेंट है. गढ़वा का बाघ अगर नया है तो यह सातवां बाघ होगा". -कुमार आशुतोष, निदेशक, पलामू टाइगर रिजर्व.
2020 के बाद पहली बार मिली है बाघिन
पलामू टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघिन वयस्क है. यह बाघिन कई किलोमीटर का सफर कर रही है. 2020 में पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में एक बुजुर्ग बाघिन का शव मिला था. 2018 में पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती हुई थी उसे दौरान बाघों की संख्या शून्य बताई गयी थी. बाद में 2020 में एक बाघिन मिली थी. मार्च 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व में एक नए बाघ के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया था. मार्च 2023 के बाद पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में छह बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है.
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ से जुड़ा है बाघों का कॉरिडोर
पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में मौजूद सभी बाघ प्रवासी है. सभी का संबंध मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और छत्तीसगढ़ के संजय डूबरी और गुरुघासी टाइगर रिजर्व से है. सेंट्रल लैंडस्कैप एवं ईस्टर्न घाट कॉरिडोर को जोड़ता है. पीटीआर दोनों कॉरिडोर के बीच का पड़ाव है मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में करीब 170 हैं. पलामू टाइगर रिजर्व एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बीच का गलियारा करीब 322 किलोमीटर का है. पीटीआर और बांधवगढ़ के बीच संजय डुबरी और गुरुघासी टाइगर रिजर्व है. बाघ टेरेटरी की तलाश में 400 से 500 किलोमीटर का सफर करते हैं.
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