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जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजरते हैं लोग, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

जमशेदपुर में भालूबासा पुल हादसे को निमंत्रण दे रहा है. जर्जर हो चुके भालूबासा पुल से हजारों गाड़ियां हर दिन गुजरती है. इस पुल से पार करते वक्त सभी को इसके टूटने का डर सताता रहता है. वहीं इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जूस्को कंपनी को इसपर ध्यान देना चाहिए.

जानकारी देते अधिकारी
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Published : May 22, 2019, 3:40 PM IST

जमशेदपुर: शहर में भालूबासा पुल हादसे को निमंत्रण दे रहा है. जर्जर हो चुके भालूबासा पुल से हजारों गाड़ियां हर दिन गुजरती है. इस पुल से पार करते वक्त सभी को इसके टूटने का डर सताता रहता है. इसके सभी पिलर ध्वस्त हो रहे हैं. शहर के प्रमुख सड़कों में से एक भालूबासा पुल से बारीडीह, एग्रिको, मानगो, सीतारामडेरा, सिदगोड़ा जाने का रास्ता है. ये पुल से बिहार और ओडिशा को भी जोड़ता है.

जानकारी देते अधिकारी


इस पुल का निर्माण 18 साल पहले किया गया था. समय गुजरने के साथ-साथ पुल के सारे पिलरों में दरार आने लगी है. ऐसे में थोड़ी भी लापरवाही एक बड़े हादसे का शिकार बन सकती है. रात में भी वाहनों का परिचालन होता है. 15 वर्षों से पुल की मरमत नहीं हुई है. यह इसी तरीके से चल रहा है. नगर निकाय के विशेष अधिकारी का मानना है कि भालूबासा पुल की स्थिति ठीक है. साकची से एग्रिको तक फोरलेन सड़कों का निर्माण किया जाना है. स्थानीय कंपनी जूस्को को इसपर ध्यान देना चाहिए.

जमशेदपुर: शहर में भालूबासा पुल हादसे को निमंत्रण दे रहा है. जर्जर हो चुके भालूबासा पुल से हजारों गाड़ियां हर दिन गुजरती है. इस पुल से पार करते वक्त सभी को इसके टूटने का डर सताता रहता है. इसके सभी पिलर ध्वस्त हो रहे हैं. शहर के प्रमुख सड़कों में से एक भालूबासा पुल से बारीडीह, एग्रिको, मानगो, सीतारामडेरा, सिदगोड़ा जाने का रास्ता है. ये पुल से बिहार और ओडिशा को भी जोड़ता है.

जानकारी देते अधिकारी


इस पुल का निर्माण 18 साल पहले किया गया था. समय गुजरने के साथ-साथ पुल के सारे पिलरों में दरार आने लगी है. ऐसे में थोड़ी भी लापरवाही एक बड़े हादसे का शिकार बन सकती है. रात में भी वाहनों का परिचालन होता है. 15 वर्षों से पुल की मरमत नहीं हुई है. यह इसी तरीके से चल रहा है. नगर निकाय के विशेष अधिकारी का मानना है कि भालूबासा पुल की स्थिति ठीक है. साकची से एग्रिको तक फोरलेन सड़कों का निर्माण किया जाना है. स्थानीय कंपनी जूस्को को इसपर ध्यान देना चाहिए.

Intro:एंकर--जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजरते हैं हज़ारों लोग।भालूबासा पुल हादसे को दे रहा आमंत्रण.भालूबासा पुल के पिलरों में पड़ी दरारें,टूट रहे हैं छत.विभाग की लापरवाही के कारण मरम्मत नहीं हुआ है।एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--जर्जर हो चुके भालूबासा पुल से हज़ारों गाड़ियाँ प्रतिदिन गुजरती है.इस पूल से पार करने वाले हज़ारों जाने को इसके टूटने का डर सताते रहता है.इसके सभी पिल्लर ध्वस्त हो रहे हैं.गौरतलब है कि शहर के प्रमुख सड़कों में से एक भालूबासा पूल से बारीडीह,एग्रिको,मानगो,सीतारामडेरा, सिदगोड़ा जाने के रास्ते हैं।वहीं इस पुल से बिहार,ओडिशा, जाने वाले तमाम तरह के हज़ारों वाहनों की आवाजाही प्रतिदिन होती है।इस पुल का निर्माण 18 साल पहले किया गया था.समय गुजरने के साथ--साथ पुल के सारे पिल्लरों में दरारें आने लगी है. ऐसे में थोड़ी भी लापरवाही भी एक बड़े हादसे का शिकार बन सकती है।रात में भी वाहनों का परिचालन होता है।पुल से गुजरते समय डर भी लगता है।15 वर्षों से पुल की मरमत नहीं हुई है.यह इसी तरीक़े से चल रहा है.आसपास के लोग संबंधित अधिकारियों को भी इसकी सूचना देना जरूरी नहीं समझते हैं।हमेशा से पार होने में डर लग रहता है।लाखों गाड़ियाँ यहाँ से पार होती है इसकी मरम्मत नहीं होती है.कभी भी कोई भी बड़ा हादसा यहाँ हो सकता है।
बाइट--स्थानीय निवासी
बाइट--स्थानीय निवासी
वीओ2--नगर निकाय के विशेष अधिकारी का मानना है.भालूबासा पुल की स्थिति ठीक है.साकची से एग्रिको तक फोरेलने सड़कों का निर्माण किया जाना है.स्थानीय कंपनी जूस्को को इसपर ध्यान देना चाहिए.ईटीवी भारत की टीम के सवालों पर विशेष पदाधिकारी ने कहा इंजीनियर की टीम के साथ जाकर मैं इसकी जाँच करूँगा.
बाइट--कृष्णा कुमार(विशेष पदाधिकारी जमशेदपुर अधिसूचित छेत्र समिति)






Conclusion:बहरहाल पुल के जर्जर होने से हज़ारों लोगों की जान कभी भी जा सकती है
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