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World Malaria Day 2019:  स्वास्थ्य विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान - स्वास्थ्य विभाग

विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया जागरूकता अभियान चलाया. स्वास्थ्य विभाग के आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों द्वारा मलेरिया, ब्रेन मलेरिया मच्छरों की पहचान, मलेरिया की चपेट में आने के बाद तेज बुखार, शरीर में दर्द होने और कई जरूरतमंद जानकारियां विस्तार से दी गई.

मलेरिया जागरूकता अभियान
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Published : Apr 25, 2019, 1:47 PM IST

पाकुड़: विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मरीजों के अलावा स्थानीय लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी दी गई.


स्वास्थ्य विभाग के आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों द्वारा मलेरिया, ब्रेन मलेरिया मच्छरों की पहचान, मलेरिया की चपेट में आने के बाद तेज बुखार, शरीर में दर्द होने और कई जरूरतमंद जानकारियां विस्तार से दी गई. मलेरिया रोग से बचने और मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के कारणों को भी बताया गया.


विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जिले के सभी विद्यालयों में जाकर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चों के बीच क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया और मलेरिया रोग से बचने के उपायों, रोग होने पर इसका जांच और सदर अस्पताल में मुफ्त में इलाज कराने की जानकारी दी गई.

मलेरिया जागरूकता अभियान


सिविल सर्जन डॉ एस एन झा ने बताया कि जिले में साल 2017 में मलेरिया के 2,257 मरीज पाए गए थे. जो घटकर 2018 में 303 मरीज हो गया. जबकि साल 2019 में 15 मलेरिया के रोगी पाए गए. उन्होंने बताया कि जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड मलेरिया जोन के रूप में पहले से चिन्हित था. जहां स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर होकर अभियान चलाया और आज मलेरिया के रोगी नहीं के बराबर हैं.

पाकुड़: विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मरीजों के अलावा स्थानीय लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी दी गई.


स्वास्थ्य विभाग के आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों द्वारा मलेरिया, ब्रेन मलेरिया मच्छरों की पहचान, मलेरिया की चपेट में आने के बाद तेज बुखार, शरीर में दर्द होने और कई जरूरतमंद जानकारियां विस्तार से दी गई. मलेरिया रोग से बचने और मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के कारणों को भी बताया गया.


विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जिले के सभी विद्यालयों में जाकर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चों के बीच क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया और मलेरिया रोग से बचने के उपायों, रोग होने पर इसका जांच और सदर अस्पताल में मुफ्त में इलाज कराने की जानकारी दी गई.

मलेरिया जागरूकता अभियान


सिविल सर्जन डॉ एस एन झा ने बताया कि जिले में साल 2017 में मलेरिया के 2,257 मरीज पाए गए थे. जो घटकर 2018 में 303 मरीज हो गया. जबकि साल 2019 में 15 मलेरिया के रोगी पाए गए. उन्होंने बताया कि जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड मलेरिया जोन के रूप में पहले से चिन्हित था. जहां स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर होकर अभियान चलाया और आज मलेरिया के रोगी नहीं के बराबर हैं.

Intro:बाइट : डॉ समरूल हक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
बाइट : डॉ एस एन झा, सिविल सर्जन, पाकुड़
पाकुड़ : जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में मरीजों के अलावे स्थानीय लोगो ने हिस्सा लिया।


Body:स्वास्थ्य विभाग के आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों द्वारा मलेरिया, ब्रेन मलेरिया मच्छरों की पहचान, मलेरिया की चपेट में आने के बाद तेज बुखार, शरीर मे दर्द होने आदि की जानकारी विस्तार से दी गयी। मलेरिया रोग से बचने व मच्छरों का प्रकोप बढ़ने के कारणों को भी बताया गया। विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जिले के सभी विद्यालयों में जाकर चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने द्वारा बच्चो के बीच क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया और बच्चो के मलेरिया रोग से बचने के उपायों तथा रोग होने पर इसका जांच और इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल में मुफ्त में कराने की जानकारी दी गयी।


Conclusion:सिविल सर्जन डॉ एस एन झा ने बताया कि जिले में वर्ष 2017 में 2257 मरीज पाया गया था जो घटकर 2018 में 303 मरीज हो गया था। जबकि वर्ष 2019 में 15 मलेरिया का रोगी पाया गया है। उन्होनो बताया कि जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड मलेरिया जोन के रूप में पहले से चिन्हित था जहां स्वास्थ्य विभाग गंभीर होकर अभियान चलाया और आज मलेरिया रोगी नही के बराबर पाया जाता है।
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