नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC in Rajya Sabha) (टीएमसी) सांसदों को बाहर निकलने को कहा गया है. तृणमूल सांसद डोला सेन (Dola Sen), नदीमुल हक (Nadimul Haque) अर्पिता घोष (Arpita Ghosh), मौसम नूर (Mausam Noor), शांता छेत्री (Shanta Chhetri) और अबीर रंजन बिस्वास (Abir Ranjan Biswas) को सभापति के आसन के समक्ष खराब बर्ताव के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर (withdraw from Rajya Sabha proceedings) निकाल दिया गया है.
बता दें कि इन सभी तृणमूल सांसदों पर राज्य सभा के वेल में घुस कर तख्तियों के साथ नारेबाजी (placards in Rajya Sabha well) करने और सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी विवाद को लेकर आसन के समक्ष तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित (Naidu suspends 6 TMC MPs) कर दिया.
सुबह जब सभापति ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस स्वीकार करने और अन्य नोटिस खारिज किए जाने के बारे में सूचना दी तो तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ कर पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे.
सभापति ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा.
इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन की अवज्ञा कर हंगामा कर रहे सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा. उन्होंने स्वयं किसी का नाम नहीं लिया और राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को कहा.
संसदीय बुलेटिन में बताया गया, 'राज्यसभा के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आ गये, आसन की आज्ञा का पालन नहीं किया और आज सुबह उनका आचरण पूरी तरह से अनुचित था. सभापति ने उन्हें नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकल जाने के लिए कहा था.' इसमें कहा गया कि ये छह सदस्य बुधवार की शेष बैठक में भाग नहीं लेंगे.
सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख सभापति नायडू ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. गौरतलब है कि नियम 255 के तहत नाम लिए जाने पर सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है.
इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि राज्य सभा सचिवालय की ओर से छह तृणमूल सांसदों को नियम विरुद्ध व्यवहार (disorderly behaviour) के लिए आज की सदन की कार्यवाही से हटने के लिए कहा गया है.
गौरतलब है कि पेगासस हैकिंग विवाद (Pegasus Row) बढ़ता ही जा रहा है. कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त (Congress Amit Shah Resignation) करने की मांग की है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेगासस पर (Pegasus spying Mallikarjun Kharge) कहा कि शाह के साथ-साथ पीएम मोदी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
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बता दें कि संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन गत 19 जुलाई को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
(एजेंसी इनपुट)