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अपने सपनों को सिर्फ local न रखें, बल्कि global बनाएं : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 150 से अधिक स्टार्टअप कारोबारियों से संवाद (Video conference with startup entrepreneurs) कर रहे हैं.

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पीएम मोदी
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Published : Jan 15, 2022, 11:56 AM IST

Updated : Jan 15, 2022, 1:00 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 150 से अधिक स्टार्टअप कारोबारियों से संवाद (Video conference with startup entrepreneurs) कर रहे हैं. यह आयोजन स्टार्टअप इंडिया पहल के शुभारंभ की छठी वर्षगांठ के मौके पर किया जा रहा है.

इस दौरान उन्होंने कहा, 2022 भारत के स्टार्ट-अप क्षेत्र के लिए और नए अवसर लेकर आया है. भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में स्टार्ट-अप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन भी महत्वपूर्ण है.

स्टार्ट-अप्स का कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे इसके लिए 16 जनवरी को अब 'नेशनल स्टार्ट-अप डे' के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है.

इस दशक में, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों के 3 प्रमुख पहलू हैं - पहला: उद्यमिता- ब्यूराक्रेटिक सिलोस से मुक्त करने के लिए, दूसरा: नवाचार - संस्थागत तंत्र विकसित करने की के लिए, तीसरा: युवा नवोन्मेषकों को संभालना.

उन्होंने कहा, हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में innovation के प्रति आकर्षण पैदा करने, innovation को institutionalize करने का है. 9,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में innovate करने, नए Ideas पर काम करने का मौका दे रही हैं. जीईएम प्लेटफॉर्म पर स्टार्ट-अप रनवे सुविधा का उपयोग स्टार्ट अप द्वारा अपने उत्पादों को सरकार को उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा रहा है. युवाओं की क्षमता और रचनात्मकता में विश्वास किसी भी राष्ट्र के विकास का आधार है. भारत आज अपने युवाओं में विश्वास रखता है और उसी के अनुरूप नीतियां बना रहा है. सरकार के अलग-अलग विभाग, मंत्रालय, नौजवानों और स्टार्ट-अप्स के साथ संपर्क में रहते हैं. उनके आइडियाज को प्रोत्साहित करते हैं. सरकार की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा युवाओं को innovation का मौका देने की है.

पीएम मोदी ने कहा, Innovation को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि Global Innovation Index में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है. वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था. अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है. भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार खुद को सुधार रहा है. यह सीखने और बदलने की निरंतर स्थिति में है.भारत के स्टार्टअप अब 55 अलग-अलग उद्योगों में काम कर रहे हैं.पांच साल पहले, भारत में 500 स्टार्टअप भी नहीं थे! आज यह संख्या 60,000 को पार कर गई है.

उन्होंने कहा, जिस स्पीड और स्केल में आज भारत का युवा स्टार्ट-अप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीय की प्रबल इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का प्रमाण है. पहले बेहतरीन से बेहतरीन समय में इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थी, लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं. हजारों करोड़ रुपये की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं. आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है. मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ local न रखें, बल्कि global बनाएं. इस मंत्र को याद रखिए- let's Innovate for India, innovate from India.

इस संवाद कार्यक्रम का कृषि व स्वास्थ्य के अलावा उद्यम तंत्र, अंतरिक्ष, उद्योग 4.0, सुरक्षा, फिनटेक और पर्यावरण क्षेत्र के विभिन्न स्टार्टअप हिस्सा होंगे. ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास सहित मूल विषयों के आधार पर 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 150 से अधिक स्टार्टअप कारोबारियों से संवाद (Video conference with startup entrepreneurs) कर रहे हैं. यह आयोजन स्टार्टअप इंडिया पहल के शुभारंभ की छठी वर्षगांठ के मौके पर किया जा रहा है.

इस दौरान उन्होंने कहा, 2022 भारत के स्टार्ट-अप क्षेत्र के लिए और नए अवसर लेकर आया है. भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में स्टार्ट-अप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन भी महत्वपूर्ण है.

स्टार्ट-अप्स का कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे इसके लिए 16 जनवरी को अब 'नेशनल स्टार्ट-अप डे' के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है.

इस दशक में, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों के 3 प्रमुख पहलू हैं - पहला: उद्यमिता- ब्यूराक्रेटिक सिलोस से मुक्त करने के लिए, दूसरा: नवाचार - संस्थागत तंत्र विकसित करने की के लिए, तीसरा: युवा नवोन्मेषकों को संभालना.

उन्होंने कहा, हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में innovation के प्रति आकर्षण पैदा करने, innovation को institutionalize करने का है. 9,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में innovate करने, नए Ideas पर काम करने का मौका दे रही हैं. जीईएम प्लेटफॉर्म पर स्टार्ट-अप रनवे सुविधा का उपयोग स्टार्ट अप द्वारा अपने उत्पादों को सरकार को उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा रहा है. युवाओं की क्षमता और रचनात्मकता में विश्वास किसी भी राष्ट्र के विकास का आधार है. भारत आज अपने युवाओं में विश्वास रखता है और उसी के अनुरूप नीतियां बना रहा है. सरकार के अलग-अलग विभाग, मंत्रालय, नौजवानों और स्टार्ट-अप्स के साथ संपर्क में रहते हैं. उनके आइडियाज को प्रोत्साहित करते हैं. सरकार की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा युवाओं को innovation का मौका देने की है.

पीएम मोदी ने कहा, Innovation को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि Global Innovation Index में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है. वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था. अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है. भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार खुद को सुधार रहा है. यह सीखने और बदलने की निरंतर स्थिति में है.भारत के स्टार्टअप अब 55 अलग-अलग उद्योगों में काम कर रहे हैं.पांच साल पहले, भारत में 500 स्टार्टअप भी नहीं थे! आज यह संख्या 60,000 को पार कर गई है.

उन्होंने कहा, जिस स्पीड और स्केल में आज भारत का युवा स्टार्ट-अप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीय की प्रबल इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का प्रमाण है. पहले बेहतरीन से बेहतरीन समय में इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थी, लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं. हजारों करोड़ रुपये की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं. आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है. मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ local न रखें, बल्कि global बनाएं. इस मंत्र को याद रखिए- let's Innovate for India, innovate from India.

इस संवाद कार्यक्रम का कृषि व स्वास्थ्य के अलावा उद्यम तंत्र, अंतरिक्ष, उद्योग 4.0, सुरक्षा, फिनटेक और पर्यावरण क्षेत्र के विभिन्न स्टार्टअप हिस्सा होंगे. ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास सहित मूल विषयों के आधार पर 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया है.

Last Updated : Jan 15, 2022, 1:00 PM IST
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