नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि दुनिया का पहला WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत में बनेगा. उन्होंने संसद के बजट सत्र (parliament budget session 2022) का पहला चरण शुरू होने के मौके पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेडिकल क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने फार्मा क्षेत्र में भारत के वैश्विक योगदान की सराहना की.
राष्ट्रपति ने कहा, दुनिया का पहला WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (who global centre for traditional medicine in india) भारत में स्थापित किया जाना है. बता दें कि डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने नवंबर, 2020 में घोषणा की थी कि भारत में पारंपरिक औषधि के लिए वैश्विक केंद्र की स्थापना की जाएगी.
कोविड वैक्सीनेशन पर भारत की उल्लेखनीय उपलब्धि
कोरोना वायरस महामारी के मुकाबले के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने रिकॉर्ड समय में कोविड रोधी टीकों की 150 करोड़ खुराक लगाईं और वह सर्वाधिक टीकाकरण करने वाले अग्रणी देशों में शामिल हो गया है. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, कोविड टीके की दूसरी खुराक 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों को लगा दी गयी है.
गौरतलब है कि मार्च, 2021 में ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल (Global Ayurveda Festival) के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आयुर्वेदिक उत्पादों की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है. चौथे वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव के मौके पर प्रधानंत्री ने कहा था कि आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य भारतीय प्रणालियों के विषय में भारत सरकार की नीति पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 के अनुरूप है.
उन्होंने कहा था, डब्ल्यूएचओ ने भारत में वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (Global Centre for Traditional Medicine in India) की स्थापना की भी घोषणा की है. मार्च, 2021 में ही पीएम मोदी ने आयुर्वेद और पारंपरिक दवाओं के अध्ययन के लिए भारत आने वाले छात्रों का उल्लेख कर सुझाव दिया था कि इस विषय पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया जा सकता है.
इससे पहले नवंबर, 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉक्टर टेडरॉस अधनोम घेब्रेयसस (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने घोषणा की थी कि डब्ल्यूएचओ भारत में पारंपरिक औषधि के लिए वैश्विक केंद्र की स्थापना करेगा. डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने एक वीडियो संदेश में कहा था, स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए साक्ष्य आधारित पारंपरिक औषधियों के इस्तेमाल का जिक्र किया था.
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आयुष्मान भारत के व्यापक क्रियान्वयन हेतु प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धताओं की सराहना करते हुए डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉक्टर टेडरॉस ने घोषणा की थी कि भारत में पारंपरिक औषधि पर एक वैश्विक केंद्र की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा था, आयुर्वेद भारत की विरासत है और यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत का पारंपरिक ज्ञान अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने डब्ल्यूएचओ महानिदेशक को पारंपरिक औषधि पर वैश्विक केंद्र की स्थापना के लिए भारत का चयन करने पर आभार प्रकट किया था.