वॉशिंगटन : अमेरिका ने भारत के एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) प्रतिबंधों पर संभावित छूट पर कोई निर्णय नहीं लिया है. उनसे कहा कि वॉशिंगटन रूस के साथ हथियारों के लेन-देन पर नई दिल्ली के साथ बातचीत जारी रखेगा.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने भारत के लिए प्रतिबंधों में छूट के सवाल पर कहा, 'हमने अपने सभी सहयोगियों और सभी भागीदारों से रूस के साथ ऐसे लेन-देन को खत्म करने का आग्रह किया है, जो CAATSA के तहत प्रतिबंधों को लगाने का जोखिम बढ़ा सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'हमने रूस के साथ भारतीय हथियारों के लेन-देन के संबंध में संभावित छूट पर कोई निर्णय नहीं लिया है. हालांकि, सीएएटीएसए में देश-विशिष्ट छूट का प्रावधान नहीं है.'
अमेरिका की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली S400 ट्रायम्फ (S400 Triumf) मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी शुरू कर दी है.
इस संदर्भ में, प्राइस ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत के साथ अमेरिकी रक्षा संबंधों का विस्तार और गहरा हुआ है. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारे रक्षा संबंधों में यह मजबूत गति जारी रहेगी. हम भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को महत्व देते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों की भारत के साथ चल रही बातचीत में गहरी दिलचस्पी है.
बीते दिनों रूस के हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव (Alexander Mikheev) ने कहा था कि S-400 की पहली रेजिमेंट साल 2021 के अंत तक भारत को सौंप दी जाएगी.
बता दें, भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2018 में एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ 5.4 अरब डॉलर के करार पर दस्तखत किए थे. तब से अमेरिका इस सौदे का विरोध कर रहा है. वह भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दे चुका है. हालांकि, भारत कई बार कह चुका है कि वह रूस के साथ इस समझौते को करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
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रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 किसी भी हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, चाहे वह क्रूज मिसाइल हो या विमान हो, या 10 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को भी निशाना बना लेगा.
(ANI)