देहरादून: धामी सरकार से बर्खास्त मंत्री और भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत ने आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. दिल्ली में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि लैंसडाउन विधानसभा से कांग्रेस उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं रावत को टिकट दे रही है. अनुकृति गुसाईं रावत को लैंसडाउन से टिकट दिलाने के लिए हरक सिंह रावत ने बीजेपी को बागवती तेवर दिखाए थे और बीजेपी ने उससे पहले ही हरक को बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
कांग्रेस अनुकृति गुसाईं रावत को स्टार प्रचार से तौर पर इस्तेमाल करेगी. हालांकि ये भी कहा जा रहा था कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह दोबारा से बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. आखिर में हरक सिंह रावत ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. हालांकि उनकी बर्खास्तगी के बाद से भाजपा यह मान कर चल रही थी की कांग्रेस उन्हें नहीं स्वीकार करेगी. अब यह माना जा रहा है कि कांग्रेस हरक सिंह रावत को भाजपा के गढ़ मानी जाने वाली विधान सभा सीट से टिकट देगी. इससे भाजपा के खाते से सीट झटक सकेगी वरना हरक सिंह रावत की राजनीतिक कश्ती 2022 मे ही समाप्त हो जाएगी.
अनुकृति गुसाईं को स्टार प्रचारक बनाएगी कांग्रेस: बताया जा रहा है कि पूर्व मिस ग्रैंड इंडिया रहीं अनुकृति गुसाईं रावत को कांग्रेस स्टार प्रचार से तौर पर इस्तेमाल करेंगी. बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बीजेपी से निष्कासित किए जाने के बाद पिछले पांच दिनों से दिल्ली में ही हैं और यही उम्मीद लगाए हुए थे कि कांग्रेस उनका हाथ थामेगी. इसके लिए वो पूरी कोशिश में भी लगे हुए थे. लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें ग्रीन सिग्नल नहीं मिल रहा था. पांच दिन बाद अब जाकर ग्रीन सिग्नल मिलते ही हरक सिंह रावत को हाथ का साथ मिल गया.
बता दें कि बीते दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को बीजेपी ने सरकार और संगठन से निकाल बाहर कर दिया था. इसके बाद बीजेपी की तरफ से बयान भी आया था कि हरक सिंह रावत परिवारवाद को तवज्जों दे रहे थे, इसीलिए उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है.
बिना शर्त कांग्रेस में शामिल: कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि, उन्हें बिना शर्त कांग्रेस ज्वाइन की है, पार्टी से कोई टिकट नहीं मांगा, वो पहली बार विधायक या मंत्री नहीं बने हैं. उनकी सिर्फ एक ही इच्छा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत सरकार बने.
बता दें कि, हरीश रावत ने भी बीते दिनों हरक सिंह रावत को लेकर बयान दिया था कि, वो हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी तब ही कराएंगे जब वो 2016 की गलती के लिए मांफी मांगेंगे. वहीं, कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने 2016 में अपनी बगावत को गलती भी मान लिया.