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सरकार ने नेताजी से जुड़े स्थानों को बढ़ावा देने की योजना तैयार की

केंद्र सरकार ने आजाद हिंद सरकार के गठन की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों के तहत देशभर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्थलों को यात्रा कार्यक्रमों के जरिये बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
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Published : Oct 24, 2021, 10:41 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आजाद हिंद सरकार के गठन की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों के तहत देश भर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्थलों को यात्रा कार्यक्रमों के जरिये बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

21 अक्टूबर 1943 को बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद की अस्थायी सरकार के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के उत्तरार्ध के दौरान अनंतिम निर्वासित सरकार के तहत भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष शुरू किया था.

भारत में बोस से जुड़े स्थलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का कदम राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का पहला प्रयास है.

एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसे स्थलों की पहचान की जा चुकी है. हमने मनपसंद यात्रा कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गंतव्यों को शामिल किया गया है. नेताजी से संबंधित स्थानों को बढ़ावा देने के लिए यात्रा कार्यक्रम टूर ऑपरेटरों को दिया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि कुछ स्थलों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और बिहार और उत्तर प्रदेश सरकारों के सहयोग से विकसित किये जा रहे बौद्ध सर्किट के तहत कवर किया जाएगा.

यात्रा कार्यक्रम में दिल्ली-मेरठ-डलहौजी-दिल्ली-सूरत मार्ग में मेरठ में शहीद स्मारक, डलहौजी में किनेंस बिल्डिंग शामिल है, जहां नेताजी ने लगभग सात महीने बिताए. सूरत में हरिपुरा शामिल है, जहां उन्हें आईएनए का अध्यक्ष चुना गया था.

पढ़ें : 'राव सरकार ने खुफिया चेतावनी के बाद नेताजी की अस्थियां लाने का विचार छोड़ा था'

दूसरा कोलकाता-नगालैंड-मणिपुर मार्ग है. इसमें रौजाजो गांव का दौरा शामिल होगा, जिसे नेताजी ने 1944 में अंग्रेजों के खिलाफ अपने अभियान के दौरान मुक्त कराकर आईएनए का संचालन आधार बनाया था. इसके अलावा भी नेताजी से जुड़े विभिन्न स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आजाद हिंद सरकार के गठन की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों के तहत देश भर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्थलों को यात्रा कार्यक्रमों के जरिये बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

21 अक्टूबर 1943 को बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद की अस्थायी सरकार के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के उत्तरार्ध के दौरान अनंतिम निर्वासित सरकार के तहत भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष शुरू किया था.

भारत में बोस से जुड़े स्थलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का कदम राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का पहला प्रयास है.

एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसे स्थलों की पहचान की जा चुकी है. हमने मनपसंद यात्रा कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गंतव्यों को शामिल किया गया है. नेताजी से संबंधित स्थानों को बढ़ावा देने के लिए यात्रा कार्यक्रम टूर ऑपरेटरों को दिया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि कुछ स्थलों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और बिहार और उत्तर प्रदेश सरकारों के सहयोग से विकसित किये जा रहे बौद्ध सर्किट के तहत कवर किया जाएगा.

यात्रा कार्यक्रम में दिल्ली-मेरठ-डलहौजी-दिल्ली-सूरत मार्ग में मेरठ में शहीद स्मारक, डलहौजी में किनेंस बिल्डिंग शामिल है, जहां नेताजी ने लगभग सात महीने बिताए. सूरत में हरिपुरा शामिल है, जहां उन्हें आईएनए का अध्यक्ष चुना गया था.

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दूसरा कोलकाता-नगालैंड-मणिपुर मार्ग है. इसमें रौजाजो गांव का दौरा शामिल होगा, जिसे नेताजी ने 1944 में अंग्रेजों के खिलाफ अपने अभियान के दौरान मुक्त कराकर आईएनए का संचालन आधार बनाया था. इसके अलावा भी नेताजी से जुड़े विभिन्न स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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