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पूर्वांचल को गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उपहार, राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन

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Published : Aug 27, 2021, 7:43 PM IST

नौ दशक से पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा का उजियारा फैला रही गोरक्षपीठ ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप में एक नया और विशाल प्रकाश स्तम्भ तैयार कर दिया है. राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के आवरण में शिक्षा से सेवा और स्वावलंबन इसकी विशिष्ट पहचान होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा.

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गोरखपुर : 28 अगस्त को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पूर्वांचल को एक ऐसे निजी विश्वविद्यालय की सौगात मिलने जा रही है, जिसकी स्थापना गोरक्षपीठ ने कराया है. गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर बनकर तैयार हुए इस विश्वविद्यालय से आयुर्वेद के साथ एलोपैथ चिकित्सा की सुविधा मिलेगी. साथ ही नर्सिंग से लेकर एमबीबीएस के छात्र भी यहां से पढ़कर डॉक्टर बनेंगे.

तकरीबन नौ दशक से पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा का उजियारा फैला रही गोरक्षपीठ ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप में एक नया और विशाल प्रकाश स्तम्भ तैयार कर दिया है. राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के आवरण में शिक्षा से सेवा और स्वावलंबन इसकी विशिष्ट पहचान होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा.

एमबीबीएस समेत 30 नए पाठ्यक्रमों का संचालन

प्राथमिक से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ के अधीन सेवारत महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा करीब चार दर्जन शैक्षिक संस्थानों का संचालन किया जाता है. मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठ के वर्तमान नेतृत्वकर्ता योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ के नाम पर एकीकृत विश्वविद्यालय की परिकल्पना की और उसे साकार रूप भी दे दिया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग की शुरुआत तो उन्होंने पहले ही कर दी थी, अब कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि की उच्च शिक्षा के साथ चिकित्सा विज्ञान की विशेषतापूर्ण शिक्षा के लिए नया विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया है.

रोजगारपरक शिक्षा के नए मॉडल के रूप में विकसित हो रहे गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इसी सत्र से बीएएमएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इसे लेकर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से मान्यता भी मिल चुकी है.

इसका प्रबंधन इस विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की तरफ से किया जाएगा. यहां बीएससी व एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्‍भ कर दी गई है. इसी सत्र से डिप्‍लोमा इन लैब टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन ऑप्‍टोमेट्री, डिप्‍लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्‍लास्‍टर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन डायलिसिस टेक्निशियन और डिप्‍लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्निशियन की भी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्‍भ होने जा रही है.

सीएम योगी हैं विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति

गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में सीएम योगी की मंशा अगले पांच सालों में एमबीबीएस समेत 30 नए, नवचरित व विशिष्ट पाठ्यक्रमों का संचालन करने की है, ताकि इस विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट बनाया जाए.

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की लोक साधना का बहुआयामी यह विश्वविद्यालय सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा मेडिकल और पैरा मेडिकल शिक्षा के हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है. सभी पाठ्यक्रम वर्तमान एवं भविष्य के युग की आवश्यकता के अनुसार होंगे, लेकिन इसमें पूरी तरह भारतीयता का पुट होगा.

पढ़ें- हिमाचल प्रदेश : पर्यटकों की पसंद बने पत्थर-लकड़ी के भवन, पर्यावरण के लिए है उपयोगी

गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इन प्रकल्पों का भी उद्घाटन करेंगे राष्ट्रपति

-नर्सिंग कॉलेज के सुसज्जित भवन का.
-सुसज्जित व अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त 200 बेड के महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भवन का.
-आयुर्वेद कॉलेज का भव्य व सुसज्जित भवन.
-380 नर्सिंग छात्राओं की आवासीय सुविधा वाले मां पाटेश्वरी सेवाश्रम (छात्रावास) का.
-योगिराज बाबा गम्भीरनाथ अतिथिगृह का.

गोरखपुर : 28 अगस्त को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पूर्वांचल को एक ऐसे निजी विश्वविद्यालय की सौगात मिलने जा रही है, जिसकी स्थापना गोरक्षपीठ ने कराया है. गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर बनकर तैयार हुए इस विश्वविद्यालय से आयुर्वेद के साथ एलोपैथ चिकित्सा की सुविधा मिलेगी. साथ ही नर्सिंग से लेकर एमबीबीएस के छात्र भी यहां से पढ़कर डॉक्टर बनेंगे.

तकरीबन नौ दशक से पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा का उजियारा फैला रही गोरक्षपीठ ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप में एक नया और विशाल प्रकाश स्तम्भ तैयार कर दिया है. राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के आवरण में शिक्षा से सेवा और स्वावलंबन इसकी विशिष्ट पहचान होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय, सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा.

एमबीबीएस समेत 30 नए पाठ्यक्रमों का संचालन

प्राथमिक से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ के अधीन सेवारत महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा करीब चार दर्जन शैक्षिक संस्थानों का संचालन किया जाता है. मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठ के वर्तमान नेतृत्वकर्ता योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ के नाम पर एकीकृत विश्वविद्यालय की परिकल्पना की और उसे साकार रूप भी दे दिया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग की शुरुआत तो उन्होंने पहले ही कर दी थी, अब कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि की उच्च शिक्षा के साथ चिकित्सा विज्ञान की विशेषतापूर्ण शिक्षा के लिए नया विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया है.

रोजगारपरक शिक्षा के नए मॉडल के रूप में विकसित हो रहे गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इसी सत्र से बीएएमएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इसे लेकर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से मान्यता भी मिल चुकी है.

इसका प्रबंधन इस विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की तरफ से किया जाएगा. यहां बीएससी व एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्‍भ कर दी गई है. इसी सत्र से डिप्‍लोमा इन लैब टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन ऑप्‍टोमेट्री, डिप्‍लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्‍लास्‍टर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन डायलिसिस टेक्निशियन और डिप्‍लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्निशियन की भी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्‍भ होने जा रही है.

सीएम योगी हैं विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति

गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में सीएम योगी की मंशा अगले पांच सालों में एमबीबीएस समेत 30 नए, नवचरित व विशिष्ट पाठ्यक्रमों का संचालन करने की है, ताकि इस विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट बनाया जाए.

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की लोक साधना का बहुआयामी यह विश्वविद्यालय सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा मेडिकल और पैरा मेडिकल शिक्षा के हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है. सभी पाठ्यक्रम वर्तमान एवं भविष्य के युग की आवश्यकता के अनुसार होंगे, लेकिन इसमें पूरी तरह भारतीयता का पुट होगा.

पढ़ें- हिमाचल प्रदेश : पर्यटकों की पसंद बने पत्थर-लकड़ी के भवन, पर्यावरण के लिए है उपयोगी

गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इन प्रकल्पों का भी उद्घाटन करेंगे राष्ट्रपति

-नर्सिंग कॉलेज के सुसज्जित भवन का.
-सुसज्जित व अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त 200 बेड के महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भवन का.
-आयुर्वेद कॉलेज का भव्य व सुसज्जित भवन.
-380 नर्सिंग छात्राओं की आवासीय सुविधा वाले मां पाटेश्वरी सेवाश्रम (छात्रावास) का.
-योगिराज बाबा गम्भीरनाथ अतिथिगृह का.

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